डीजीपी ने महिलाओं/बालिकाओं से सम्बन्धित विवेचनाओ के विधिक निस्तारण में दिये दिशा-निर्देश


 वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 20 अगस्त। मुकुल गोयल, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद उ0प्र0 को महिलाओं/बालिकाओं से सम्बन्धित अपराधों के रोकथाम व विवेचनाओं के विधिक निस्तारण एवं मिशन शक्ति के सम्बन्ध में पूर्व में समय-समय पर निर्गत निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराते हुए उक्त के क्रम में पुनः निम्न बिन्दुओं पर दिशा निर्देश दिये गयेः-

- महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, बीट/थाना स्तर पर महिला सम्बन्धित अपराध में तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

- महिलाओं/बालिकाआंे से सम्बन्धित घटनाओं का नियमित अनुश्रवण जनपदीय प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा स्वयं करते हुए तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

- इस प्रकार के अपराधों की मासिक समीक्षा जोनल स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक एवं कमिश्नरेट स्तर पर पुलिस आयुक्त द्वारा तथा पाक्षिक समीक्षा परिक्षेत्रीय स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा की जाये।

- पंजीकृत अपराधों में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी आदि की कार्यवाही नियमानुसार तत्परतापूर्वक की जाये। 

- लम्बित विवेचनाओं के सम्बन्ध में अभियान चलाकर निष्पक्ष एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर शीघ्र विधिक निस्तारण कराना सुनिश्चित किया जाये।

- आरोप पत्र मा0 न्यायालय में प्रेषित करते हुए पीड़िताओं को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में प्रभावी पैरवी एवं अनुश्रवण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।