विस अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने संसदीय अनुश्रवण समिति का उद्घाटन किया


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 15 जुलाई। उत्तर प्रदेश विधान सभा की नव गठित समिति संसदीय अनुश्रवण समिति के दूसरे साल में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में आज दिनांक-15.07.2021 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने समिति का उद्घाटन किया। श्री दीक्षित ने इस अवसर पर विधान सभा में समिति के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधान सभा के सदस्यों की यह बराबर शिकायत रही है कि विधान सभा में विभिन्न सूचनाओं से उत्तर प्राप्त नहीं होते रहे है। मेरा स्वयं का अनुभव रहा है। नियम-51, 301 में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर अपूर्ण होने के साथ-साथ सदस्यों की जिज्ञासा का समाधान नहीं हो पाता है। इसी को लेकर विधान सभा में इस समिति का गठन 29 अगस्त, 2018 को किया गया।

       उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में इस तरह एक नई समिति का जन्म हुआ है जिसका नाम संसदीय अनुश्रवण समिति रखा गया है। अन्य विधान सभाओं में सम्भवतः इस प्रकार की समिति गठित नहीं है। इस प्रदेश में इस नई समिति के गठन का नया अनुभव है। विभिन्न अवसरों पर देश के विधान सभा अध्यक्षों की बैठक के दौरान भी इसकी चर्चा हुई है। मा0 लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में केवड़िया, गुजरात में पीठासीन अधिकारियों के साथ हुई बैठक में चर्चा की गयी थी।

      उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने संसदीय अनुश्रवण समिति के बारे में विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि विधान सभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 1958 के अन्तर्गत नियम 301, 51 एवं अन्य सूचनाएं मा0 सदस्यों द्वारा सदन में प्रस्तुत की जा रही है। इनके विषय में यदि सदस्य विधान सभा में शासन द्वारा सदन में प्रस्तुत किये गये उत्तर से संस्तुति न हो या शासन द्वारा दिये गये उत्तर संतोषजनक प्रस्तुत न हो। ऐसे प्रकरण संसदीय अनुश्रवण समिति को सन्दर्भित किया जा सके। विधायकों के प्रोटोकाल उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण भी संसदीय अनुश्रवण समिति के विचारार्थ  किया जा सकता है।

       श्री दीक्षित ने कहा कि संसदीय समितियां प्रशासन को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि यह समिति अभी विकासशील दिशा में है। सभी सदस्यों से समिति के कार्य प्रणाली में और भी सुधार किये जाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये है।

      इस अवसर पर समिति की बैठक में नन्दकिशोर गुर्जर, धीरेन्द्र सिंह, जवाहर लाल राजपूत, अनिल सिहं, मूलचन्द सिंह निरंजन, प्रमोद उटवाल, राघवेन्द्र प्रताप सिह, अनीता सहित आदि विधायकों ने विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। सदस्यों ने यह विश्वास दिलाया की अध्यक्ष के मार्गदर्शन में समिति के कार्य संचालन में अपना योगदान देंगे। उनका यह प्रयास होगा कि यह समिति अन्य विधायकों के लिए अनुकरणीय बन सकें। बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।