संक्रमण कम हुए पर टेस्टिंग नहीं - एसीएस अमित मोहन


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अनुराग वर्मा

लखनऊ 11 जुलाई। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में संक्रमण कम होने के बावजूद, टेस्टिंग कम नहीं की जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,40,020 सैम्पल की जांच की गयी है। अब तक कुल 6,06,17,011 सैम्पल की जांच की गई है। जनपदों से आरटीपीसीआर जांच के लिए 1,27,166 सैम्पल भेजे गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 125 नये मामले आये हैं। प्रदेश में विगत 24 घंटे में 134 लोग तथा अब तक 16,83,058 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 1594 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 1222 लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट 98.6 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 3,58,57,016 घरों के 17,23,68,862 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।

श्री प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में 3,13,68,938 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 57,97,454 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। अब तक प्रदेश में कुल 3,71,66,392 डोजें लगायी गयी हैं, जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए कोविड प्रोटोकाल का भी पालन करे। सभी लोग अपना टीकाकरण की दोनों डोज अवश्य लें।

श्री प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आज विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 का अनावरण किया गया। इस नीति के पांच महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जिनमें जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया जाना, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों की समाप्ति, नवजात और पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को समाप्त करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार तथा वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार करना है। इस नीति के माध्यम से वर्ष 2026 तक सकल प्रजनन दर 2.1 प्रतिशत तथा वर्ष 2030 तक सकल प्रजनन दर 1.9 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 एक समावेशी नीति है, जिसमें सभी आयु/वर्गों का ध्यान रखा गया है।