"घरों के आंगन से गुम होती चिरैया" ने वर्चुअल महिला काव्य गोष्ठी में समां बाँधा

वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 16 जनवरी। शहर समता विचार मंच की महिला काव्य गोष्ठी आज राष्ट्रीय अध्यक्ष रचना सक्सेना  की अध्यक्षता और महिला काव्य गोष्ठी लखनऊ ईकाई की अध्यक्ष मंजू सक्सेना के कुशल संचालन और संयोजन में वर्चुअल द्वारा सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्ष कवयित्री डॉ रमा अग्रवाल जैन, एवं मुख्य अतिथि श्रीमती विजय कुमारी मौर्या थीं ।

      कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे को माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना कवयित्री पुष्पा गुप्ता द्वारा मधुर मनमोहक स्वरों में वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंजू सक्सेना ने संस्था का परिचय देते हुए सभी का मार्गदर्शन किया। 

       इस अवसर पर उपस्थित सभी कवयित्रियों ने प्रेरक, मनमोहक, सन्देशयुक्त गीतों व मुक्तकों से मंच को जीवंत कर दिया। इस गोष्ठी में रमा अग्रवाल की प्रस्तुति को बहुत सराहा गया। अपर्णा गुप्ता ने अपनी कविता में देश के वीरों को सलाम किया तथा अलका अस्थाना ने घरों के आंगन से गुम होती चिरैया को इन शब्दों से याद किया -

फु र्र  फुर्र  जी उड़ती चिडिया।

दाने चुग ती मेरी चिडिया।

       विजय कुमारी मौर्या ने हास्य व्यंग्य से समाँ बाँधा तो मंजू सक्सेना ने अपनी ग़ज़लों से। इस अवसर पर सभी कवयित्री बहनों नें हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का संकल्प लेते हुए अपनी स्वरचित रचनाओं से समा बाँध दिया ।