डॉ नूतन ठाकुर ने काला धन सफ़ेद करने के तनिष्क स्टिंग मामले में कार्यवाही की मांग की

 वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजयकुमार वर्मा

लखनऊ 12 जनवरी। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने तनिष्क की महानगर शाखा, लखनऊ के स्टिंग के बाद इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग तथा गृह मंत्रालय भारत सरकार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के अफसरों से तत्काल विधिक कार्यवाही की मांग की है।  

      स्टिंग में तनिष्क लखनऊ के मेनेजर अर्पित टंडन द्वारा खुलेआम कहा जा रहा है कि उनकी दुकान से कितनी भी धनराशि का गोल्ड (सोना) ख़रीदा जा सकता है, इसके लिए न तो किसी आधार कार्ड की जरुरत है न पैन कार्ड की। उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि किसी भी फर्जी/छद्म नाम से यह खरीद की जा सकती है और यह कितनी भी धनराशि की हो सकती है।

       नूतन ने कहा कि तनिष्क का यह कृत्य अर्थशोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा में एक गंभीर अपराध है जिसकी सजा इस एक्ट की धारा 4 में 3 से 7 वर्ष प्राविधानित है. साथ ही यह इस एक्ट की धारा 63 में गलत सूचना देने का भी अपराध है, जिसकी सजा 2 वर्ष तक है।

नूतन के अनुसार अर्थशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियमावली के नियम 3 में प्रत्येक ऐसे दूकानदार से प्रत्येक संदिग्ध लेनदेन का लेखाजोखा रखा जाना अपेक्षित है। इसी प्रकार इनकम टैक्स रूल्स के नियम 114B में विभिन्न प्रकरणों में खरीद-फरोख्त के लिए पैन नंबर अनिवार्य किया गया है। इस सूची में क्रम संख्या 18 पर सूची के क्रम संख्या 1 से 17 को छोड़ कर प्रत्येक वस्तु पर 2 लाख से ऊपर की धनराशि पर पैन नंबर अनिवार्य किया गया है।

इसके बाद भी तनिष्क, महानगर द्वारा जानबूझ कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है तथा 2 लाख की जगह करोड़ों के लेनदेन बिना पैन कार्ड से किसी भी फर्जी/छद्म नाम से करने का कार्य किया जा रहा है। नूतन ने नौकरशाहों, नेताओं, बड़े बिज़नसमेन आदि द्वारा ऐसा किये जाने की सम्भावना के मद्देनज़र तनिष्क के समस्त अभिलेख की गहन चेकिंग कर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।