वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 11 जनवरी। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में आगामी 18 जनवरी से 17 फरवरी तक एक माह का प्रदेश व्यापी ‘‘सड़क सुरक्षा अभियान’’ चलाया जायेगा। अभियान के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु आम-जनमानस को यातायात नियमों के प्रति अधिकाधिक जागरूक किया जायेगा। इसके लिये विशेष रूप सेे आधुनिक तकनीक का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। छात्र-छात्राओं को भी अभियान से जोड़ने के लिये विशेष कार्ययोजना तैयार की गयी है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव, परिवहन, राजेश कुमार सिंह ने आज लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में एक संयुक्त उच्चस्तरीय बैठक कर अभियान के दौरान किये जाने वाले प्रयासों पर विशेष रूप से चर्चा की तथा विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना को अंतिम रूप देकर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में यातायात विभाग के अलावा दूरसंचार के क्षेत्र में सेवा प्रदाता कम्पनियों के प्रतिनिधियों, नगर विकास, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, सूचना विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया, राष्ट्रीय सेवा योजना, पंचायती राज आदि से जुड़े अधिकारियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया है कि दूरसंचार के क्षेत्र में सेवा प्रदाता विभिन्न कम्पनियां यथा बी0एस0एन0एल0, एयरटेल, वोडाफोन, जियो के माध्यम से उपभोक्ताओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के संबंध में लघु संदेश प्रसारित कराये जायेंगे। छात्र-छात्राओं के लिए आॅनलाइन पढ़ाई के मध्य लघु वीडियों संदेश भी जागरूकता बढाने के संबंध में प्रसारित किये जायेगे।
सड़क दुर्घटना बाहुल्य स्थलों (ब्लैंक स्पाॅट) की जानकारी मोबाइल के एप में भी उपलब्ध कराने हेतु जरूरी कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये है ताकि चालक को पहले से उसकी जानकारी हो जाये और वह सतर्क रहेे। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हेतु वाहन चालकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा एवं उनके दृष्टि परीक्षण की भी विशेष व्यवस्था सड़कों के उचित स्थानों पर की जायेगी। साथ ही प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में भी चालकों, परिचालकों, यातायात पुलिस कर्मियों, प्रवर्तन दल के सिपाहियो आदि के सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण के भी निर्देश दिये गये हैं। टोल प्लाजा पर डाक्टरों की उपलब्धता के लिए भी जरूरी प्र्रबन्ध किये जाने हेतु भी कहा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कुल 3 करोड़ 60 लाख वाहन पंजीकृत हैंै, जिसमें 19 लाख 7 हजार गाड़िया परिवहन कार्यों में लगी हैंै तथा 02 पहिया वाहनों की संख्या लगभग 2 करोड़ 92 लाख है। इसके अलावा प्रदेश में ड्राइविंग लाईसेंस धारकों की संख्या 2 करोड़ 54 से अधिक है।
नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रदेश में लगभग 80 प्रतिशत वाहनों में फास्ट टैग की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है तथा बाकी वाहनो के लिए आगामी 15 फरवरी तक का समय दिया गया है। ओवर लोडिंग की समस्या से निपटने के लिये ओवर लोडिंग बाहुल्य स्थानों के चिन्हित कर वहाॅ पर प्रभावी ढंग से जाॅच किये जाने के निर्देश दिये गये है, जिसके लिये वाहनों के तौलने के लिए समुचित प्रबन्ध करने के लिए कहा गया है।
एन0सी0सी0 कैडैट/एन0एस0एस0 एवं यातायात कर्मियों द्वारा छात्र-छात्राओं के सहयोग से प्रमुख चैराहों पर पैदल यात्रियों को सड़क सुरक्षा के प्रति प्रशिक्षित एवं जागरूक किया जायेगा। परिवहन निगम की बसों में सड़क सुरक्षा मानकों यथा सीट बेल्ट, बैक मिरर, बैक लाइट, इन्डीकेटर, फाॅग लाइट व रेट्रो रिपलेटिव टेप के लगे होने का सत्यापन कर निर्धारित व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाने हेतु यथावश्यक स्थलों पर रोड इंजीनियरिंग का प्रयोग कर चैराहों का निर्माण कराने तथा अवैध कट बन्द कराने के निर्देश दिये गये हैं। दुघर्टनाओं से बचाव हेतु लोक निर्माण विभाग से सड़को के किनारे अवैध रूप से निर्मित ढाबों को हटाने के लिए कहा गया है, जिसके लिए आवश्यकतानुसार पुलिस बल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाने हेतु क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया आदि को प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराये जाने, रोड मार्किंग, यातायात नियंत्रण के जरूरी प्रयास तथा साइन बोर्ड का समुचित प्रदर्शन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।