वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 13 जनवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों पर किये गये अन्तरिम आदेश के प्रति भारत के मुख्य न्यायधीष का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि किसान को सम्मान और राहत देकर मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने किसानों के ऐतिहासिक आन्दोलन का समाधान निकालने का सराहनीय प्रयास किया है। किसानों के दर्द के साथ साथ उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अपने अधीन एक कमेटी का भी गठन करके कानून की गरिमा के अनुसार आम लोगो का न्यायपालिका में विश्वास जीवन्त रखने का भारत के मुख्य न्यायधीष ने सजीव चित्र प्रस्तुत किया है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि बनायी गयी कमेंटी के सदस्यों के कृषि कानूनों के समर्थन के साक्ष्य मिल रहे हैं जिससे शेले भाले किसानों के हृदय मेें विभिन्न प्रकार की आशंकाएं जन्म ले रही हैं। किसानों के अनुसार जिन सदस्यों ने कृषि मंत्री से मिलकर पहले ही कृषि कानूनों के समर्थन पर सार्वजनिक बयान दिया हो उनकी रिपोर्ट में निश्चित रूप से सरकार का पक्ष बलवान होगा। यद्यपि इस कमेटी के द्वारा दो महीने में विभिन्न लोगो के विचारों का समावेष रिपोर्ट में रहेगा जिससे मा0 सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट की समीक्षा करने का निर्णायक पहलू भी मिलेगा परन्तु यदि मा0 न्यायालय द्वारा कमेंटी मेें ऐसे सदस्यों के नाम भी जोड दिये जाये जो कृषि विशेषज्ञ होने के साथ साथ अपनी निष्पक्ष छवि के लिए जाने जाते हो। यह भी सम्भव है कि देष के विभिन्न राज्यों के सेवानिवृत्त कृषि निदेशकों को ही जोड़ दिया जाय तो किसानों की समस्याओं का निष्पक्ष समाधान होेने की भावना बलवती हो जायेगी।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देष की न्यायपालिका की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता का ऐतिहासिक महत्व है और मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने देष की जनसंख्या के 70े प्रतिषत आबादी किसान वर्ग का केन्द्र सरकार के साथ उत्पन्न हुये विवाद के समाधान का बीड़ा उठाकर देष को नई दिषा देने की ऐतिहासिक पहल की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुये कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में न्यायपालिका के इस कदम को हमेशा याद किया जायेगा।