लूट के उद्देश्य से बिचौलियों व् सरकार के नुमाइंदो द्वारा किसानो को हतोत्साहित किया जाता है- अनुपम मिश्रा

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 05 दिसम्बर। रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने आज केंद्र एवं राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए यह आरोप लगाया की कि प्रदेश भर में किस तरह धान क्रय केन्द्रो पर मंत्री,अधिकारीयों और बिचौलियों का गठजोड़ खुलेआम किसानो की फसल की लूट एवं शोषण कर रहा है।
       अनुपम मिश्रा ने कहा की वर्तमान समय में धान क्रय केन्द्रो पर अराजकता एवं अव्यवस्था का माहौल है और पूरा तंत्र सिर्फ भ्रष्टाचार एवं लूट पर आमादा है और विवश किसान अपनी फसल लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। किसान क्रय केन्द्रो पर जानबूझकर लूट के उद्देश्य से बिचौलियों व् सरकार के नुमाइंदो द्वारा किसानो को हतोत्साहित किया जाता है और उनकी धान की फसल में तरह-तरह की कमियां बताकर उन्हें औने पौने दाम पर फसल बाहर बेचने के लिए दबाव बनाया जाता है। मसलन कभी धान गीला है, तो कभी टूटा है, कभी कूड़ा है, कभी नमी अधिक है, कभी बोरे नहीं, तो कभी क्रय हेतु धन नहीं उपलब्ध है आदि।
       आखिर किसान कब तक अपनी फसल खुले आसमान के नीचे लेकर खड़ा रहेगा, उसे अगली फसल बोनी है, खेतो की नमी चली जाएगी, जितना विलम्ब होगा उतना नुक्सान होगा। इसलिए हार कर किसान इस भ्रष्ट व्यवस्था के आगे घुटने टेकने पर विवश हो जाता है और अपनी फसल एम् एस पी से काफी काम दाम पर बेंच कर नुक्सान उठा कर वापस चला जाता है। बाद में यही धान उसी क्रय केंद्र पर इन बिचौलियों द्वारा एम् एस पी पर बेंच दिया जाता है और प्रति कुंटल 400 -500 रूपये का का फायदा उठा लिया जाता है और किसान प्रति कुंतल 400 -500 रूपये का नुक्सान उठा कर ऋण जाल में फंस जाता है।
         आक्रोशित अनुपम मिश्रा ने इसका समाधान बताते हुए सरकार से इस पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और सरकार को सुझाव दिया की वो एम् एस पी से कम मूल्य पर फसल खरीद को तत्काल बंद कर दे और किसान के अतिरिक्त किसी भी बिचौलिये से खरीद पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिए।छोटे एवं मंझोले किसानो से फसल उनके गावों से क्रय की जाय तथा इस क्रय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता है। शिकायतों के निस्तारण हेतु अलग एक सेल बनाकर सक्षम अधिकारी की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। अनुपम मिश्रा कल से स्वयं क्रय केन्द्रो का दौरा करेंगे और सरकार की किसान विरोधी नीति एवं गठजोड़ की पोल खोल अभियान का आगाज़ करेंगे।