तीसरे दिन भी सपाई "समाजवादी किसान घेरा" अभियान में सक्रिय रहे

 

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 27 दिसम्बर। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर अलग-अलग जनपदों के हजारों गांवों में समाजवादी किसान घेरा अभियान में आज तीसरे दिन भी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों सहित पूर्व मंत्रियों, तथा जिलों के पदाधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। गांवों में अलाव पर चौपाल लगाकर किसानों के बीच उनकी समस्याओं पर भाजपा राज में बढ़ती परेाशनियों पर चर्चा की गई। किसानों को समाजवादी सरकार के समय उनके हित में किए कामों से भी अवगत कराया। 25 दिसम्बर 2020 से प्रारम्भ किसान घेरा कार्यक्रम सुविधानुसार एक दिन में एक या दो गांवों का चयन कर चलाया जा रहा है। किसान घेरा कार्यक्रम में राज्य के ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

     श्री यादव ने कहा है कि सत्ता के अहंकार में भाजपा किसानों व देश के हर नागरिक की थाली का भी अपमान कर रही है। कृषि कानूनों  के खिलाफ किसानों के आंदोलन का एक महीना पूरा हो गया है। भाजपा अपने प्रिय पूंजीपति मित्रों का समर्थन करते हुए ऐसे रास्ते पर चल पड़ी है जो किसान, मजदूर एवं निम्न मध्यम वर्ग के खिलाफ जाता हैं।  कैसी विडम्बना है कि एक ओर तो भाजपा सरकार की ओर से आंदोलनकारी किसानों के बारे में तमाम अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि उनसे वार्ता की भी पेशकश की जा रही है। यह अपने अधिकारों के लिए सड़क पर बैठे किसानों का अपमान है। ‘किसान सम्मान‘ की नाममात्र धनराशि देने की आड़ में काले कृषि कानून लागू कर उनका हजारो-लाखों का नुकसान करना चाहती है। देश-प्रदेश में जबसे भाजपा सरकारें बनी हैं किसानों के लिए संकट के हालात बन गए हैं। किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिला। फसल बीमा योजना भी बीमा कम्पनियों की कारगुजारियों का शिकार बन गई है। वस्तुतः यह किसान आंदोलन भाजपा सरकार की विफलता का जीवंत स्मारक है। समाजवादी पार्टी अन्नदाता के साथ खड़ी है।