केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग व ब्रिज कारपोरेशन के अधिकारियों के पेंच कसे

 

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा  

लखनऊ15 दिसम्बर। उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसी सड़क में तात्कालिक आवश्यकता के मद्देनजर पैच मरम्मत कार्यों हेतु रोड एम्बुलेन्स की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय और यह रोड एम्बुलेन्स पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शीघ्र लान्च की जाय। इससे यह सुविधा होगी कि कहीं पर गड्ढ़े भरने व पैच मरम्मत की तत्काल जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। हाॅलांकि पैच मरम्मत कार्यों को विभाग द्वारा किया तो जाता है लेकिन उसमें मैनपावर, बिटुमिन को पिघलाने हेतु आग की व्यवस्था, लकड़ी आदि का इन्तजाम करना पड़ता है। यह मशीन अत्याधुनिक सुविधायुक्त होने से सीधे अमुक स्थान पर जाकर मरम्मत कार्य कर देगी।

श्री मौर्य ने इसी तरह फालिंग वेट रिफ्लेक्टोमीटर का भी प्रयोग किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। इस मशीन से रोड की कितनी भार क्षमता है, कितना लोड वहन करने पर टूटेगी नहीं, इसका पता आसानी से चल जाता है।

उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री के निर्देशों के फलस्वरूप ब्रिज कार्पोरेशन में कई सालों से खराब पड़ी मोबाइल ब्रिज इन्स्पेक्शन यूनिट का संचालन शुरू हो गया है। उपमुख्यमंत्री द्वारा पुराने एवं जर्जर सेतुओं की मरम्मत एवं सुरक्षित यातायात व आवागमन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस मशीन की तत्काल मरम्मत कराकर उपयोगी बनाये जाने के निर्देश दिये गये थे।

गौरतलब है कि 20 वर्ष से अधिक पुरानी एवं आईडिल खड़ी रही मोबाइल ब्रिज इन्स्पेक्शन यूनिट सफलतापूर्वक मरम्मत करायी गयी है। यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण मशीन है, जिसके द्वारा पुराने जर्जर एवं मरम्मत योग्य सेतुओं का निरीक्षण कराकर अनुरक्षण कार्य हो रहे हैं। भविष्य में भी पुराने सेतुओं के क्षतिग्रस्त होने से बचाने तथा यातायात अवरूद्ध होने की समस्या के निदान हेतु अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। सेतु निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस यूनिट द्वारा सेतु के उपर से ही मशीन के स्वचालित प्लेटफार्म में खड़े होकर अनुभवी एवं दक्ष अभियन्ताओं द्वारा सेतु के निचले भाग यथा बीम, डेक, पियर कैप तथा बियरिंग का निरीक्षण, कोर कटिंग तथा एन0डी0टी0 टेस्ट आदि कार्य आसानी से हो रहे हैं। इस मशीन द्वारा तकनीकी दृष्टिकोण से सेतु की आवश्यक मरम्मत हेतु निगम के अभियन्ता अपना तकनीकी परामर्श एवं डी0पी0आर0 तैयार करने में सफल होंगे। सेतु निगम मुख्यालय में एक कन्सल्टेन्सी विंग की स्थापना भी की गयी है, जो पुराने व जर्जर सेतुओं का निरीक्षण कर रही है।