योगीराज में जब जल्लाद बने कौशाम्बी थाने के दरोगा और सिपाही

योगीराज में जब जल्लाद बने कौशाम्बी थाने के दरोगा और सिपाही
वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
कौशाम्बी। पुलिस वर्दी की हनक के अत्याचार के आगे आम जनता थरथर कांपने लगती है। अंग्रेजों के जमाने की जल्लादों वाली पुलिसिया हरकत अभी भी योगीराज में देखने को मिल जाती है। लेकिन इस जल्लाद पुलिस वालों के ऊपर किसी भी प्रकार कि कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। आए दिन जल्लाद पुलिस के कारनामे सामने आते हैं लेकिन पुलिस के अत्याचार पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। अभी पश्चिम के थानेदार के कारनामे की चर्चा पुरानी नहीं हो पाई थी कि कौशाम्बी थाने के उपनिरीक्षक और सिपाही के कारनामे ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं।
      उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का गृह जनपद में जानकारी के मुताबिक कौशाम्बी थाना क्षेत्र के ढेकाहाई गांव निवासी आकाश वर्मा के बड़े भाई सोने चांदी की दुकान का व्यवसाय करते हैं। उनकी दुकान से गांव के सुदामा ने अपने बेटे की शादी में सोने चांदी के जेवर ले गए और जेवरात का पैसा देने में दुकानदार को उसने उधार कर दिया। इसी बात को लेकर दुकानदार अपनी बकाया रकम सुदामा से बार-बार मांगता रहा जिस पर सुदामा ने उसे अपनी बाइक देकर यह कहा कि इसे रख लो जब पैसा होगा तो तुम्हें देकर अपनी बाइक ले जाएंगे। बाद में इसी बात की शिकायत सुदामा ने कौशाम्बी थानेदार से की जिस पर शिकायती पत्र मिलने पर आकाश वर्मा के भाई को कौशाम्बी थाना पुलिस ने थाने पर बुलाया। यहां पुलिस के जांच के दौरान व्यवसाई ने अपनी आपबीती पुलिस वालों को बताई इसी बीच किसी मामले में पुलिस की घूसखोरी भी सामने आई। जिस पर आकाश वर्मा ने पुलिस की घूसखोरी का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। घूसखोरी का वीडियो बनते ही कौशाम्बी थाने के उपनिरीक्षक दीपक मिश्रा और सिपाही रितेश कुमार मौर्या आग बबूला हो गए और जल्लाद बनकर आकाश वर्मा पर लातों से प्रहार करने लगे। जूता पहने इन दोनों पुलिसकर्मियों ने आकाश वर्मा के पेट, पीठ, कोख आदि स्थानों पर लात से सैकड़ों प्रहार किया। जिससे आकाश वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं। जल्लाद बनी कौशाम्बी थाने की पुलिस का अत्याचार यहीं नहीं खत्म हुआ बल्कि आकाश वर्मा के उस मोबाइल को भी पुलिस ने छीन लिया जिस मोबाइल में घूसखोरी का वीडियो बना था और इसके बाद पुलिस ने आकाश द्वारा बनायीं पूरी रिकार्डिंग को डीलीट कर दिया। 
    देखने वाली बात यह है कि आईटी एक्ट के अंतर्गत यह गंभीर अपराध है। लेकिन योगीराज में क्या कौशाम्बी थाने के उपनिरीक्षक और सिपाही के इन कारनामों को पुलिस आला अधिकारी गंभीरता से लेंगे या फिर ब्रिटिश पीरियड की तरह पुलिस की अत्याचार इस जिले में कायम रहेगा यह बड़ा सवाल है। सबसे बड़ा सवाल यह है कौशाम्बी जिला उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का गृह जनपद है।