ऑनलाइन काव्य-रस गोष्ठी के बारहवें दिन नवोदित कवियों ने मंच की शोभा बढ़ाई


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
वाराणसी 25 मई। प्रमिला देवी फाउंडेशन के बैनर तले लगातार बिना किसी ब्रेक के चल रहे ऑनलाइन काव्य-रस गोष्ठी के बारहवें दिन नवोदित कवियों ने मंच की शोभा बढ़ाई। 
       कार्यक्रम का शुभारंभ सोनभद्र से अमित गुप्ता ने किया। उन्होंने अपनी कविता "गंग दंग तड़ित धार, केश साज धारा विराज। पोषित भूमि कराल, विश्वनाथ साजे।। सुनाकर काव्य-रस गोष्ठी में चार चांद लगा दिया।


        उसके बाद शालिनी जायसवाल ने भी काशी से कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपनी रचना- "कई सवाल करती हैं, मेरी माँ की आँखें। मेरे घर से निकलने के पहले ....... वो दिल्ली वाला काण्ड।। सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 


       काशी से ही रोली रस्तोगी ने अपनी रचना द्वारा कोरोना के दुष्प्रभावों को दर्शाया तो प्रेरक रचना पढ़ कर सबकी वाहवाही बटोर ली। इसके अलावा दिल्ली से अनामिका रोहिला,काशी से शैलेन्द्र कु.गुप्ता, अध्यापिका डॉ. चंचल कुमारी, विनय वीनू व रायपुर छत्तीसगढ़ से राहुल श्रीवास्तव ने काव्य पाठ किया। 
       संस्था की अध्यक्ष पायल सोनी ने कवियों का स्वागत व आभार जताया।