कोविड-19 : नर्स पूनम पौल ने पाया अपनी सेवा का पुरस्कार 


- मां की शिक्षा ने सेवा की प्ररेणा दी :  पूनम पौल
वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 6 अप्रैल। आधुनिक मदर टेरेसा रूपी स्टाफ नर्स पूनम पौल, जिनके द्वारा लाॅकडाउन के प्रारंभ में ही जनता के गरीब लोगों व पैदल दूरदराज से आ रहे लोगों के लिए खाने पीने की और राशन की व्यवस्था की गई थी। जबकि उनकी ड्यूटी पॉजिटिव कोविड-19 मरीजों और व जमाती लोगों के लिए लगी थी जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया था। ऐसे करीब 20 मरीज थे, जो कि सब पूरी तरह ठीक हो कर अपने अपने घर को चले गए साथ ही जाते जाते पूरी टीम को दुआएं देकर गए। पूनम पौल के साथ टीम के अन्य सदस्यों की टीम को '"कोविड-19 टीम वन" नाम दिया गया था। तत्पश्चात इन सब योद्धाओं को क्वॉरेंटाइन किया गया। करीब 15 दिन बाद कल इनका क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म होने पर इन सबको विदाई और उत्साहवर्धन के लिए सीतापुर के डीएम अखिलेश तिवारी, एसपी एल०आर० कुमार, सीएमओ आलोक वर्मा, एसीएमओ डॉ रविदास ने इन योद्धाओं का माल्यार्पण कर सम्मानित किया, इसके पश्चात सभी को सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।
      स्टाफ नर्स पूनम पौल ने सभी के समक्ष अपना अनुभव रखा। जिसमें उन्होंने बताया कि पहले तो उनको इस प्रकार की ड्यूटी से डर लगा, किंतु उनको अपनी मां श्रीमती न्योमी पौल की वह शिक्षा याद आ गई जिसमें वह कहतीं थीं कि बेटा "पैसे की बजाय लोगों की दुआएं बहुत काम आती हैं "। उन्होंने खुद एक स्टाफ नर्स रहते हुए ना जाने कितने लोगों की सेवा की और कितने मरीजों की जान बचाई और बहुत दुआएं लीं । ऐसा बताते वक्त पूनम का गला रूंध गया साथ में पूनम द्वारा बताया गया कि उनको बहुत खुशी है कि वह ऐसे मरीजों की सेवा कर पाए जिनको लोग हौवा बना रहे थे। उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को आपके मौरल सपोर्ट की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। उनकी सेवा से ही आज हम को यह पुरस्कार मिला है और इसके लिए वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरे नहीं उससे डटकर मुकाबला करें।


  बताते चलें की नर्स पूनम पाल की बड़ी बहन ट्रांस गोमती सर्विलांस , लखनऊ में सब इंस्पेक्टर अनुपम पाल है जो पुलिस सेवा में रहकर समाज की बेहतरीन सेवा कर रही है