लोक सभा अध्यक्ष राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का करेंगे उदघाटन


- मध्य प्रदेश के राज्यपाल महामहिम लालजी टंडन उद्घाटन सत्र में विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे
वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 15 जनवरी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला कल विधान सभा के मुख्य कक्ष में पूर्वाहन 11ः00 बजे राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उदघाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र में विशिष्ट सभा को मध्य प्रदेश के राज्यपाल, लालजी टण्डन द्वारा संबोधित किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री, योगी आदित्यनाथ इस सम्मेलन के उदघाटन समारोह में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष,हृदय नारायण दीक्षित स्वागत भाषण देंगे तथा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के माननीय सभापति, रमेश यादव धन्यवाद देंगे। उत्तर प्रदेश विधान सभा के माननीय नेता प्रतिपक्ष, श्री राम गोविंद चैधरी भी उदघाटन सत्र में शामिल होंगे। संसद सदस्य, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य तथा अन्य विशिष्ट लोग भी उदघाटन समारोह में शामिल होंगे।
    उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश विधान सभा में 17 जनवरी 2020 को आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगी। लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित उत्तर प्रदेश विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य और अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित रहेंगे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में पूर्ण सत्रों के दौरान निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी - (प) बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और (पप) जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना। माननीय उपसभापति, राज्य सभा, श्री हरिवंश पहले विषय पर चर्चा के दौरान मुख्य भाषण देंगे, जबकि माननीय केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी दूसरे विषय पर मुख्य भाषण देंगे।
      जहां तक पहले विषय अर्थात ‘बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना’ का संबंध है, विधानमंडलों द्वारा बजट प्रस्तावों की जांच किए जाने की जरूरत पर समय-समय पर बल दिया गया है। बजट सरकार का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक नीति का साधन होता है और इसमें सरकार की प्राथमिकताओं का व्यापक ब्यौरा होता है। जनता के प्रतिनिधि निकाय होने के नाते देश के विधानमंडल यह सुनिश्चित करने के लिए सही मायने में संवैधानिक संस्थाएं हैं कि बजट में देश की जरूरतों और लोगों की अपेक्षाओं तथा उपलब्ध संसाधनों के बीच सही तालमेल हो। इसके अलावा, बजट प्रक्रिया में प्रभावी विधायी भागीदारी से रक्षोपाय सुनिश्चित होते हैं जो पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए जरूरी हैं और जो जन सेवाएँ अच्छे ढंग से उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करते हैं। विधानमंडल बजट से जुड़े निर्णयों में संतुलित मत और सुझाव देने में भी मदद करते हैं और इस प्रकार कठिन बजट प्रक्रिया के संबंध में व्यापक सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।
सम्मेलन में जिस दूसरे विषय अर्थात ‘जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना‘ पर विचार किया जाना है, वह भी आज के समय में बहुत प्रासंगिक है । ऐसा महसूस किया गया है कि जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पहली बार जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों, परिपाटियों, आचरण और परम्पराओं से परिचित कराने के लिए विधायी जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है। पारित किए जाने वाले कानूनों के बारे में ब्रीफिंग सत्र विधायी कार्यों की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। निरंतर बदल रही लोक नीति के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने की जनप्रतिनिधियों की योग्यता बहुत हद तक आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी की उपलब्धता पर निर्भर करती है। जानकार और सशक्त जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचनक्षेत्रों की जरूरतों और लोगों की इच्छाओं से अधिक परिचित होते हैं और विधानमंडलों में ये मामले उठाकर इनका समाधान कर सकते हैं।
      राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सी पी ए) की उन राष्ट्रमंडल देशों के विधानमंडलों में 180 से अधिक शाखाएँ हैं, जहाँ संसदीय लोकतंत्र है। ये सभी शाखाएँ भौगौलिक रूप से नौ राष्ट्रमंडल क्षेत्रों में बंटी हैं। सी पी ए भारत क्षेत्र, जो पहले सी पी ए एशिया क्षेत्र का भाग था, 7 सितंबर 2004 से एक स्वतंत्र क्षेत्र बन गया। सी पी ए भारत क्षेत्र में भारत केंद्र शाखा (भारत की संसद) और 30 राज्य/संघ राज्य क्षेत्र शाखाएँ हैं। सी पी ए भारत क्षेत्र के ऐसे सम्मेलनों का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है और इसका छठा सम्मेलन वर्ष 2017 में पटना में हुआ था।
      सी पी ए भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है और सी पी ए के ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र और साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी सी पी ए भारत क्षेत्र सम्मेलन में भाग लेंगे।- जयेन्द्र सिंह