एकांकियों के माध्यम से प्रतिभागियों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों का सजीव मंचन किया


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 15 जनवरी। उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे 23वें ‘‘राष्ट्रीय युवा उत्सव’’ 2020 के तहत आज यहां युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा एकांकी प्रतियोगिताओं का आयोजन बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी के आॅडिटोरियम में किया गया। मंचित एकांकियों में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों द्वारा अपने अभिनय के माध्यम से देशप्रेम, देश व समाज की वर्तमान परिस्थितियों, समस्याओं एवं उनके प्रति मानवीय सोच की सजीव अभिव्यक्ति की गयी। इस 03 दिवसीय राष्ट्रीय एकांकी प्रतियोगिता के अंतिम दिन जम्मू कश्मीर, दादरा नागर हवेली, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, उड़ीसा व उत्तराखण्ड की टीमों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आयोजन के निर्णायकगणों में भारत सरकार द्वारा नामित श्री विश्वरमन निर्मल व श्री अजयभान चन्द्रा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नामित श्री ललित पोखरिया द्वारा मूल्यांकन का कार्य किया गया। जम्मू कश्मीर राज्य की टीम द्वारा ‘‘जंग-ए-कश्मीर’’ शीर्षक पर आधारित नाटक के माध्यम से आतंकवाद द्वारा जम्मू कश्मीर में फैलाई गई भय और त्रासदी का नाट्य रूपान्तरण किया गया तथा मानवता का संदेश दिया गया।
दादरा नागर हवेली की टीम द्वारा ‘‘नीम हकीम खतरेजान’’ शीर्षक से अंधविश्वास पर प्रहार करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया और यह संदेश दिया गया कि किसी बाबा या तांत्रिक के चक्कर में न पड़कर स्वास्थ्य व भविष्य सुरक्षित रखने हेतु प्रयास करना चाहिए। 
शीर्षक ‘‘घोर कलयुग’’ पर आधारित नाट्य रूपान्तरण से कर्नाटक की टीम ने विविध कुरीतियों पर प्रहार किया, और किसानों की दुर्दशा का वर्णन किया। इसके साथ ही महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार के सम्बंध में मार्मिक वर्णन किया गया। फौजी की कुर्बानी पर उनके व उनके परिवार के प्रति अवहेलना, समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार का भी सुंदर मंचन किया गया।
सिक्किम राज्य की टीम द्वारा ‘‘गो इंडिया गो ग्रीन’’ शीर्षक पर आधारित मनमोहक नाटक प्रस्तुत किया गया। खुले में शौच, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, स्वच्छ भारत इत्यादि विषयों के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा, प्लास्टिक बंदी तथा जैविक खेती पर जोर दिया गया। केरल की टीम द्वारा ‘‘सर्दियों के मौसम’’ पर अभिनय किया गया। उड़ीसा की टीम द्वारा शीर्षक ‘‘शांति’’ नाटक के माध्यम से समाज में फैल रहे प्रतिक्षण तनाव तथा अशांति के स्थान पर शांति हेतु मनुष्य को प्रेरित करने और महात्मा गांधी जी का शांति संदेश दिया गया।
उत्तराखण्ड की टीम द्वारा ‘‘कलिंग विजय’’ शीर्षक पर नाट्य रूपान्तरण किया गया।  नाटक के माध्यम से सम्राज्य विस्तार व राष्ट्रों की वर्चस्वता की ललक पर प्रहार किया गया। नाटक में सम्राट अशोक की कलिंग विजय का मंचन किया गया। ऐतिहासिक देशकाल पर आधारित होने के कारण अभिनय शैली व यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुति की गयी। - निधि वर्मा