ई-निविदा की समस्त कार्यवाही होगी ई-निविदा पोर्टल के माध्यम से

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 9 जनवरी। उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा नदी तल स्थित निजी भूमि के क्षेत्रों को अधिकतम 06 माह की अवधि के लिए ई-निविदा के माध्यम से व्यवस्थापन स्वीकृत किये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके तहत निजी भूमि के क्षेत्रों में बालू या बजरी या बोल्डर अथवा इनमें से कोई भी जो मिलीजुली अवस्था में हो और जिसका क्षेत्रफल न्यूनतम 01 हेक्टे0 हो उन्हें ई-निविदा के माध्यम से स्वीकृत किये जाएंगे। 
खनिकर्म विभाग की निदेशक डाॅ0 रोशन जैकब ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ई-निविदा की समस्त कार्यवाही एन0आई0सी0 के माध्यम से ई-निविदा पोर्टल मजमदकमतेण्नचण्दपबण्पद पर की जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा ई-निविदा की कार्यवाही हेतु अपर जिलाधिकारी, संबंधित अधिशासी अभियंता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा जनपद में तैनात खान अधिकारी/खान निरीक्षक की एक समिति बनायी जायेगी। निजी भू-स्वामी द्वारा क्षेत्र में उपलब्ध उपखनिज को पट्टे पर स्वीकृत किये जाने के लिए स्वामित्व के प्रमाण पत्र तथा सहमति का शपथ पत्र संबंधित जिलाधिकारी को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। तत्पश्चात् क्षेत्र में खनिज की उपलब्धता, क्षेत्र की उपयुक्तता, भू-स्वामित्व के प्रमाण पत्र और सहमति पत्र आदि अभिलेखों की पुष्टि के बाद संबंधित जिलाधिकारी द्वारा ई-निविदा की विज्ञप्ति प्रकाशित करने की कार्यवाही की जायेगी। जारी की जाने वाली विज्ञप्ति में खनन योग्य भण्डार और भू-स्वामी के नाम का उल्लेख किया जाना आवश्यक होगा।
डाॅ0 जैकब के अनुसार विज्ञप्ति प्रकाशन के दिनांक से 30 दिन के बाद 07 कार्यदिवसों में ई-निविदा प्राप्त की जायेगी। ई-निविदा में भाग लेने वाले विडर्स के लिए आवश्यक अभिलेख इस प्रकार होंगे-आवेदन शुल्क 15 हजार रु0, डिजिटल सिग्नेचर, खनन अदेयता प्रमाण पत्र, जिलाधिकारी द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र, आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र, आंकलित खनन योग्य मात्रा को रायल्टी दर से गुणा कर प्राप्त धनराशि का 25 प्रतिशत, प्रिविड अर्नेस्ट मनी। भूस्वामी को इन अभिलेखों से मुक्त रखा गया है। ई-निविदा के साथ वांछित अभिलेखों प्रिविड अर्नेस्ट मनी के ड्राफ्ट आदि को अपलोड करना होगा। 
खनिकर्म निदेशक ने बताया कि भू-स्वामी के स्वीकार उपरान्त उच्चतम बोली डाटा के स्थान पर स्वामी के ही पक्ष में खनन पट्टा स्वीकृत किया जायेगा। यदि भू-स्वामी द्वारा इन्कार किया जाता है तो उच्चतम बोली दाता के पक्ष में पट्टा मंजूर होगा। सफल निविदाकर्ता/भू-स्वामी के पक्ष में लेटर आॅफ इन्ट्रेस्ट निर्गत किया जायेगा। इस इन्ट्रेस्ट के जारी होने के 03 कार्यदिवसों के भीतर ई-निविदा की सकल देय धनराशि की 25 प्रतिशत प्रतिभूति एवं 25 प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा। शेष 75 प्रतिशत धनराशि अग्रिम माहों में समान प्रतिशत के रूप में जमा करना होगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार पट्टाधारक को पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया से राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ जन सामान्य को बालू की उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा निजी भू-स्वामी भी लाभान्वित हो सकेंगे। - आशिया खातून