योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय 

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 24 दिसम्बर। 
बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्य क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित ग्रामों में पेयजल के लिए परियोजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्य क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित ग्रामों में पेयजल के लिए परियोजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को शत-प्रतिशत पाइप पेयजल योजनाओं से अनाच्छादित ग्रामों में पाइप पेयजल योजनाओं के निर्माण हेतु 86 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता का प्रारम्भिक आंकलन किया गया था।
बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र की समस्त आबादी तथा आर्सेनिक/फ्लोराइड एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस (जे0ई0)/एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0) से ग्रस्त समस्त ग्रामों की चरणबद्ध रूप से शुद्ध पाइप पेयजल परियोजनाओं से आच्छादित किया जाना है। परियोजना के स्कोप आॅफ वर्क और फिजीबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र के कुल 09 जनपदों में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु डी0पी0आर0 तैयार कराए जाने हेतु 04 सलाहकार फर्मों का चयन किया गया। सलाहकार फर्मों द्वारा डी0पी0आर0 के विरचन की कार्यवाही कर ली गई है।
योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के दृष्टिगत थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था की जाएगी। योजनाओं का 10 वर्षों तक संचालन एवं अनुरक्षण सम्बन्धित कार्यदायी फर्मांे से कराया जाएगा। यूजर चार्जेज के माध्यम से योजना के संचालन एवं अनुरक्षण हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था किए जाने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा, परन्तु यदि यूजर चार्जेज के माध्यम से प्राप्त होने वाली धनराशि से संचालन एवं अनुरक्षण की लागत व्यय पूर्ण नहीं हो पाएगी, तो शेष धनराशि की व्यवस्था आवश्यकतानुसार बजटीय प्रावधान कराकर की जानी है।
योजना के अन्तर्गत टेण्डर की कार्यवाही राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन से की जानी है। परियोजना के संचालन के निमित्त प्रोजेक्ट मैनेजमेण्ट कंसलटेण्ट (पी0एम0सी0) का चयन खुली प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के माध्यम से किया जाएगा। पी0एम0सी0 के चयन हेतु प्रस्तावित रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल (आर0एफ0पी0) में संशोधनों को सम्मिलित करते करते हुए पूर्ण आर0एफ0पी0 के ड्राफ्ट को मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है। योजना के अन्तर्गत नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में सृजित पदों के सापेक्ष विभाग के अभियन्ताओं को जलशक्ति विभाग (सिंचाई विभाग) एवं उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा सीधे प्रतिनियुक्ति/सेवा स्थानान्तरण के आधार पर अविलम्ब तैनात किए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी।


महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, उ0प्र0 में विलम्ब से मजदूरी भुगतान हेतु क्षतिपूर्ति भुगतान की व्यवस्था सम्बन्धी प्रस्ताव मंजूर


मंत्रिपरिषद ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम-2005 की धारा-32 की उप धारा (01) के अन्तर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, उत्तर प्रदेश में विलम्ब से मजदूरी भुगतान हेतु क्षतिपूर्ति भुगतान की व्यवस्था किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए 'उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी (विलम्बित मजदूरी संदाय हेतु प्रतिकर) नियमावली, 2019' प्रख्यापित की जाएगी। इस नियमावली के अनुसार श्रमिकों को उनके द्वारा किए गए कार्यों के सापेक्ष 15 दिवस के अन्दर मजदूरी का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि में मजदूरी का भुगतान न होने की दशा में जिस स्तर पर विलम्ब हुआ है, उस स्तर पर राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के उत्तरदायी अधिकारियों के वेतन से प्रतिकर की वसूली की जाएगी।
विलम्बित संदाय के सापेक्ष प्रतिकर का संदाय राज्य रोजगार गारण्टी निधि के प्रतिकर सम्बन्धी बैंक खाते से किया जाएगा। इस खाते से होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति विलम्ब के लिए उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन/मानदेय से वसूल की गई धनराशि से की जाएगी। श्रमिकों को विलम्बित प्रतिकर के रूप में मजदूरी दर का 0.05 प्रतिशत प्रतिदिन के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
विलम्बित प्रतिकर नियमावली निर्गत होने से योजना के क्रियान्वयन से जुड़ा तंत्र अधिक संवेदनशील एवं उत्तरदायी हो जाएगा, जिससे विलम्बित भुगतान में कमी आएगी और मनरेगा अधिनियम के अनुरूप मनरेगा योजना को प्रदेश में और अधिक सुचारु रूप से संचालित करने में सहायता मिलेगी। जिला कार्यक्रम समन्वयक/जिला मजिस्ट्रेट श्रमिकांे के लिए समय से मजदूरी संदाय किए जाने और विलम्ब की स्थिति में समय से प्रतिकर का संदाय किए जाने के सम्बन्ध में नियमित अनुश्रवण करेंगे।

उ0प्र0 विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र के सत्रावसान का प्रस्ताव स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद का वर्तमान सत्र दिनांक 26 नवम्बर, 2019 को आहूत किया गया था। इस सत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद की बैठकें दिनांक 19 दिसम्बर, 2019 के उपवेशन के पश्चात् अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। इस सत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद के 04-04 उपवेशन हुए।
वर्तमान सत्र में वित्तीय वर्ष 2019-2020 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों का विवरण विधान मण्डल में प्रस्तुत किया गया तथा इससे सम्बन्धित विनियोग विधेयक दोनों सदनों से पारित कराया गया। विधान मण्डल का वर्तमान सत्र आहूत किए जाने से पूर्व 02 अध्यादेश प्रख्यापित किए गए थे। इन अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक विधान मण्डल के दोनों सदनों में पारित हो गए थे। विधान मण्डल के वर्तमान सत्र में 03 नए विधेयक विधान सभा में पुरःस्थापित कराए गए, जो दोनों सदनों से पारित हो गए हैं।
इसके दृष्टिगत वर्तमान में विधान मण्डल से कोई कार्य कराया जाना शेष नहीं है। अतः उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र का सत्रावसान तात्कालिक प्रभाव से कराए जाने का निर्णय लिया गया है।


जनपद न्यायालय गोरखपुर परिसर में निर्माणाधीन 24 कोर्ट रूम के निर्माण में शामिल उच्च विशिष्टियों के प्रयोग को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने जनपद न्यायालय गोरखपुर परिसर में निर्माणाधीन 24 कोर्ट रूम (13$11) के निर्माण में शामिल उच्च विशिष्टियों के प्रयोग को मंजूरी प्रदान कर दी है। जनपद न्यायालय गोरखपुर में न्यायालय कक्षों के निर्माण से न्यायिक कार्य सम्पादित करने में सुगमता होगी।
जनपद न्यायालय गोरखपुर परिसर में निर्माणाधीन 24 कोर्टरूम (13$11) के निर्माण हेतु द्वितीय पुनरीक्षित परियोजना प्रस्ताव के सम्बन्ध में दिनांक 09 नवम्बर, 2019 को आयोजित व्यय वित्त समिति की बैठक में समिति द्वारा 6682.36 लाख रुपए (6310.82 लाख रुपए $ 371.54 लाख रुपए जी0एस0टी0) के सापेक्ष वित्त व्यय समिति द्वारा 4842.12 लाख रुपए $ जी0एस0टी0 नियमानुसार वास्तविकता के आधार पर अनुमोदन प्रदान किया गया है।
जनपद न्यायालय गोरखपुर परिसर में निर्माणाधीन 24 कोर्टरूम (13$11) के निर्माण हेतु द्वितीय पुनरीक्षित परियोजना प्रस्ताव में फाॅल्स सीलिंग 156.15 लाख रुपए एवं वाॅल पैनलिंग 213.31 लाख रुपए की उच्च विशिष्टियों की संस्तुति वित्त व्यय समिति द्वारा की गई है।
वित्त व्यय समिति की बैठक दिनांक 09 नवम्बर, 2019 के द्वारा परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्तावित लागत 4842.12 लाख रुपए $ जी0एस0टी0 नियमानुसार वास्तविकता के आधार पर आकलित की गई है। इसमें शामिल उच्च विशिष्टियों के अन्तर्गत फाॅल्स सीलिंग 156.15 लाख रुपए एवं वाॅल पैनलिंग 213.31 लाख रुपए पर मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में प्रस्तावित 400 बेडेड छात्रावास (200 कक्ष) के निर्माण में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में प्रस्तावित 400 बेडेड छात्रावास (200 कक्ष) के निर्माण में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग को मंजूरी प्रदान कर दी है।
न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में प्रस्तावित 400 बेडेड छात्रावास (200 कक्ष) के निर्माण हेतु परियोजना प्रस्ताव के सम्बन्ध में दिनांक 09 नवम्बर, 2019 को आयोजित व्यय वित्त समिति की बैठक में समिति द्वारा 6228.24 लाख रुपए $ 509.09 लाख रुपए जी0एस0टी0 के सापेक्ष 5482.48 लाख रुपए $ जी0एस0टी0 नियमानुसार वास्तविकता के आधार पर अनुमोदन प्रदान किया गया है।
न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में प्रस्तावित 400 बेडेड छात्रावास (200 कक्ष) की आगणित लागत 5482.48 लाख रुपए $ जी0एस0टी0 नियमानुसार में उच्च विशिष्टियों के अन्तर्गत केन्द्रीय वातानुकूलन (बी0आर0बी0/वी0आर0एफ0 सिस्टम) की धनराशि 371.80 लाख रुपए भी शामिल है।
प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु एकमात्र संस्थान, न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में स्थित है, जिसमें न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
वित्त व्यय समिति की बैठक दिनांक 09 नवम्बर, 2019 के द्वारा परियोजना की प्रस्तावित लागत 5482.48 लाख रुपए $ जी0एस0टी0 नियमानुसार वास्तविकता के आधार पर आकलित की गई है। इसमें शामिल उच्च विशिष्टियों के अन्तर्गत केन्द्रीय वातानुकूलन (वी0आर0वी0/वी0आर0एफ0 सिस्टम) की धनराशि 371.80 लाख रुपए पर मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

'उ0प्र0 राज्य सेवायोजन अधिकारी सेवा नियमावली-2019' के प्रख्यापन को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य सेवायोजन सेवा नियमावली-1980, उत्तर प्रदेश राज्य सेवायोजन (प्रथम संशोधन) सेवा नियमावली, 1993 एवं उत्तर प्रदेश सहायक सेवायोजन अधिकारी सेवा नियमावली, 1994 को अवक्रमित करते हुए उ0प्र0 राज्य सेवायोजन अधिकारी सेवा नियमावली, 2019 के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि श्रम विभाग में सेवायोजन प्रभाग के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश राज्य सेवायोजन अधिकारी सेवा में भर्ती और उसमें नियुक्त कार्मिकों की सेवा की शर्ताें को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सेवायोजन अधिकारी सेवा नियमावली-1980 प्रख्यापित की गयी थी, जिसका प्रथम संशोधन उत्तर प्रदेश राज्य सेवायोजन (प्रथम संशोधन) सेवा नियमावली-1993 तथा उत्तर प्रदेश सहायक सेवायोजन अधिकारी सेवा नियमावली, 1994 प्रख्यापित हुई। वेतन समिति 2008 के दसवें प्रतिवेदन भाग-3 में श्रम विभाग के सम्बन्ध में की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयों के कार्यान्वयन हेतु वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या वे0आ0-2-1120/दस-54(एम0)/2008-टी0सी0 दिनांक 05.08.2011 निर्गत किया गया। फलस्वरूप सेवायोजन प्रभाग हेतु की गयी संस्तुतियों के दृष्टिगत श्रम विभाग के शासनादेश संख्या 1207/छत्तीस-5-2011-7(26)/2010, दिनांक 08.12.2011 द्वारा पदों का पुनर्गठन का आदेश जारी किया गया। उपर्युक्तानुसार पदों सहित सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार कार्मिकों के वेतन मैट्रिक्स लेवल के दृष्टिगत वेतनमानों का अंकन नियमावली में किया गया है।
पूर्व में प्रख्यापित नियमावली-1980 के भाग-3 भर्ती के स्रोत (पदनाम) में 93 प्रतिशत पद सीधी भर्ती द्वारा लोक सेवा आयोग के माध्यम से तथा 06 प्रतिशत व 01 प्रतिशत क्रमशः मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों के लिपिकीय संवर्ग से आयोग के माध्यम से पदोन्नति द्वारा भरे जाने की व्यवस्था को वित्त विभाग के परामर्श के क्रम में परिवर्तित करते हुए 93 प्रतिशत लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा तथा शेष 07 प्रतिशत अर्थात 11 पदों में से 06 पद मुख्यालय एवं 05 पद क्षेत्रीय कार्यालयों के 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले लिपिकीय संवर्ग के कार्मिकों से आयोग के माध्यम से पदोन्नति द्वारा भरे जाने की व्यवस्था की जा रही है। पूर्व में निर्गत सेवा नियमावली-1980 के भाग-3 के प्रस्तर-3 में सहायक निदेशक के पद पर भर्ती हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से पोषक पद जिला रोजगार सहायता अधिकारी के पद से श्रेष्ठता आधारित पदोन्नति के माध्यम से चयन कराये जाने की स्थापित व्यवस्था को वर्तमान में विद्यमान कार्मिक नियमों के अनुसार परिवर्तित करते हुए शासन स्तर पर गठित चयन समिति के माध्यम से अनुपयुक्त को अस्वीकार करते हुए ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति द्वारा भर्ती किये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है।


नगर निगम शाहजहांपुर की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने नगर निगम शाहजहांपुर की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। नगर निगम शाहजहांपुर की सीमा के निकट स्थित ग्रामों में शहरीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति एवं उसमें हो रहे अनियोजित विकास को नियोजित करने एवं अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु निकटवर्ती ग्रामों को सम्मिलित करते हुए शाहजहांपुर की सीमा विस्तार के सम्बन्ध में आयुक्त, बरेली मण्डल, बरेली के पत्र दिनांक 29 नवम्बर, 2019 द्वारा प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया। मण्डलायुक्त, बरेली द्वारा 06 राजस्व ग्रामों को नगर निगम शाहजहांपुर की प्रस्तावित सीमा विस्तार मंे सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान नगर निगम शाहजहांपुर का क्षेत्रफल 51.42 वर्ग किमी0 है। नगर निगम शाहजहांपुर की सीमा विस्तार के इस प्रस्ताव में कुल 06 राजस्व ग्राम (कुल 01 ग्राम पंचायत) के कुल 4.84 वर्ग किमी0 (483.298 हे0) क्षेत्रफल जो कि वर्तमान नगर निगम के क्षेत्रफल का लगभग 9.4 प्रतिशत है, को सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया है। उक्त 06 राजस्व ग्रामों को नगर निगम शाहजहांपुर में सम्मिलित करने के पश्चात 01 ग्राम पंचायत का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
इसके दृष्टिगत कुल 06 राजस्व ग्रामों के कुल 4.84 वर्ग किमी0 (483.298 हे0) क्षेत्रफल को सम्मिलित करते हुए नगर निगम, शाहजहांपुर की सीमा विस्तार का निर्णय लिया गया है।


नगर निगम आगरा की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने नगर निगम आगरा की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। नगर निगम आगरा की सीमा के निकट स्थित ग्रामों में शहरीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति एवं उसमें हो रहे अनियोजित विकास को नियोजित करने एवं अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु निकटवर्ती ग्रामों को सम्मिलित करते हुए नगर निगम, आगरा की सीमा विस्तार के संबंध में नगर आयुक्त, नगर निगम आगरा के पत्र दिनांक 30 नवम्बर, 2019 द्वारा नगर निगम आगरा के बोर्ड से स्वीकृत प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर आयुक्त, नगर निगम आगरा द्वारा 1-बाबरपुर मुस्तकिल, 2-तोरा, 3-कलाल खेडिया, 4-कहरई, 5-चमरौली, 6-नगला अलवतिया, 7-दहतोरा तथा 8-शास्त्रीपुरम योजना, 9-अवधपुरी काॅलोनी, 10-यू0पी0एस0आई0डी0सी0 के समस्त औद्योगिक क्षेत्र राजस्व ग्रामों/क्षेत्रों को नगर निगम आगरा की प्रस्तावित सीमा विस्तार में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
नगर निगम आगरा की सीमा विस्तार के इस प्रस्ताव में कुल 07 राजस्व ग्राम के सम्पूर्ण क्षेत्र तथा 08 राजस्व ग्राम के आंशिक क्षेत्र (शास्त्रीपुरम योजना, अवधपुरी काॅलोनी तथा यू0पी0एस0आई0डी0सी0 के समस्त औद्योगिक क्षेत्र) का कुल 16.12 वर्ग किमी0 (1612.0725 हे0) क्षेत्रफल को सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया है।
इसके दृष्टिगत कुल 07 राजस्व ग्राम के सम्पूर्ण क्षेत्र तथा 08 राजस्व ग्राम के आंशिक क्षेत्र (शास्त्रीपुरम योजना, अवधपुरी काॅलोनी तथा यू0पी0एस0आई0डी0सी0 के समस्त औद्योगिक क्षेत्र) को सम्मिलित करते हुए नगर निगम, आगरा की सीमा विस्तार का निर्णय लिया गया है।


जनपद हाथरस की नगर पालिका परिषद हाथरस की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद हाथरस, जनपद हाथरस की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। जनपद हाथरस की नगर पालिका परिषद, हाथरस सीमान्तर्गत व उससे लगे क्षेत्र से बाहर निरन्तर तेजी से बढ़ रही घनी आबादी में नागरिक सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी, हाथरस द्वारा 30 ग्रामसभाआंे को सम्मिलित करते हुए सीमा विस्तार किये जाने का प्रस्ताव शासन में उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक जनमानस को तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद हाथरस का सीमा विस्तार किया जाना जनहित में आवश्यक है।
नगर पालिका परिषद, हाथरस में 30 ग्रामसभाओं यथा-वाद नगला अठवरियों, परताप, जोगिया, रमनपुर, गढी कन्धारी, गढ़ी तमन्ना, लहरा, दयानतपुर, नगला उम्मेद, चिन्तापुर, सौखना, दादनपुर ढकपुरा, हाथरस देहात, तरफरा, अइयापुर, कलवारी (पूर्ण), मीतई, कुंवरपुर, गिजरौली, नहरोई, खोडा हजारी, बालापट्टी शेखजाफर, गढी मधू (पूर्ण), हतीशा भगवन्तपुर, नगला नन्दू, गजुआ, गोपलपुरा, दर्शना, दयालपुर तथा ककरावली को सम्मिलित करते हुए नगर पालिका परिषद हाथरस का सीमा विस्तार किये जाने का निर्णय लिया गया है।


जनपद महराजगंज की नगर पालिका परिषद महराजगंज की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद महराजगंज की नगर पालिका परिषद, महराजगंज की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। जनपद महराजगंज की नगर पालिका परिषद, महराजगंज सीमान्तर्गत व उससे लगे क्षेत्र से बाहर निरन्तर तेजी से बढ़ रही घनी आबादी में नागरिक सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी, महराजगंज द्वारा 12 ग्रामों को सम्मिलित करते हुए सीमा विस्तार किये जाने का प्रस्ताव शासन में उपलब्ध कराया गया। प्रत्येक जनमानस को तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद, महराजगंज का सीमा विस्तार किया जाना जनहित में आवश्यक है।
नगर पालिका परिषद, महराजगंज में 12 ग्रामों यथा-ग्राम धनेवा, चिउरहां, पिपरदेउरा, पड़री बुजुर्ग, अमरूतियां, बैकुण्ठपुर, चैपरिया, महुअवां, तरकुलवा, बांसपार बैजौली, पिपराबाबू एवं मुजहना खुर्द को सम्मिलित करते हुए नगर पालिका परिषद, महराजगंज का सीमा विस्तार किये जाने का निर्णय लिया गया है।


जनपद अम्बेडकरनगर की नगर पालिका परिषद जलालपुर की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद अम्बेडकरनगर की नगर पालिका परिषद, जलालपुर की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। जनपद अम्बेडकरनगर की नगर पालिका परिषद, जलालपुर सीमान्तर्गत व उससे लगे क्षेत्र से बाहर निरन्तर तेजी से बढ़ रही घनी आबादी में नागरिक सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी, जलालपुर द्वारा 08 राजस्व ग्रामों के कतिपय  क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए सीमा विस्तार किये जाने का प्रस्ताव शासन में उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक जनमानस को तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद जलालपुर का सीमा विस्तार किया जाना जनहित में आवश्यक है।
नगर पालिका परिषद, जलालपुर में 08 राजस्व ग्रामों के कतिपय क्षेत्रांे (उत्तर में ग्राम वाजिदपुर देहात के मौजा वाजिदपुर देहात, ग्राम चिलवनिया के मौजा उसमापुर देहात, ग्राम जलालपुर देहात के मौजा जलालपुर देहात, दक्षिण में ग्राम वाजिदपुर देहात के मौजा वाजिदपुर एवं हाजीपुर, ग्राम जलालपुर देहात के मौजा महमदपुर हमजा, ग्राम जमौली के मौजा जमौली, ग्राम फरीदपुर के मौजा फरीदपुर, ग्राम आसीपुर के मौजा आसीपुर, ग्राम जलालपुर देहात के मौजा जलालपुर देहात, पूरब में ग्राम वाजिदपुर देहात के मौजा वाजिदपुर देहात, ग्राम चिलवनिया के मौजा उसमापुर देहात, ग्राम आसीपुर के मौजा आसीपुर एवं पश्चिम में ग्राम वाजिदपुर देहात के मौजा हाजीपुर, वाजिदपुर देहात के मौजा महमदपुर हमजा, ग्राम फरीदपुर के मौजा फरीदपुर, ग्राम जमौली के मौजा जमौली, ग्राम जलालपुर देहात के मौजा जलालपुर देहात) को सम्मिलित करते हुए नगर पालिका परिषद, जलालपुर का सीमा विस्तार किये जाने का निर्णय लिया गया है।


जनपद सन्तकबीरनगर की नगर पंचायत मेंहदावल की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद सन्तकबीरनगर की नगर पंचायत मंेहदावल की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। नगर पंचायतों के सीमा विस्तार हेतु शासनादेश संख्या-450/9-1-16-426सा/14 दिनांक 31.01.2015 द्वारा मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं।
जिलाधिकारी संतकबीरनगर के पत्र दिनांक 10.05.2018 द्वारा शासनादेश संख्या-690/9-6-2018-181मिस/2014, दिनांक 03.04.2018 में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जनपद नगर पंचायत मेंहदावल को उच्चीकृत कर नगर पालिका परिषद बनाये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। उक्त प्रस्ताव के परीक्षणोपरान्त यह पाया गया कि शासनादेश दिनांक 03.04.2018 में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होकर नगर पंचायतों के सीमा विस्तार सम्बन्धी शासनादेश संख्या-450/9-1-16-426सा/14 दिनांक 31.01.2015 में निर्धारित मानकों के अनुरूप है। उक्त के दृष्टिगत सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करते हुए हुए जनपद संतकबीरनगर की नगर पंचायत मेंहदावल के सीमा विस्तार किये जाने के संबंध में अनन्तिम अधिसूचना संख्या-2260/9-1-2019-30टी.ए/19, दिनांक 19 नवम्बर, 2019 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये।
इस अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 19 नवम्बर, 2019 के क्रम में प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण शासन के कार्यालय आदेश संख्या-2514/9-1-201-20टी.ए/19, दिनांक 10 दिसम्बर, 2019 द्वारा कर दिया गया है। तदोपरान्त अनन्तिम अधिसूचना को अन्तिम रूप दिया गया है।
जनपद संतकबीरनगर की नगर पंचायत, मंेहदावल के सीमा विस्तार किये जाने एवं तत्सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


जनपद महराजगंज की नगर पंचायत आनन्दनगर की सीमा विस्तार का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद महराजगंज की नगर पंचायत, आनन्दनगर की सीमा विस्तार का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के सीमा विस्तार हेतु शासनादेश संख्या-450/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 31 जनवरी, 2015 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है।
जिलाधिकारी, महराजगंज द्वारा पत्र दिनांक 17.03.2018, 12.11.2018 एवं 14 दिसम्बर, 2019 के माध्यम से नगर पंचायत के सीमा विस्तार हेतु शासनादेश संख्या-450/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 31 जनवरी, 2015 द्वारा मानकों के अनुसार जनपद महराजगंज की नगर पंचायत, आनन्दनगर के सीमा विस्तार का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया। उक्त प्रस्ताव नगर पंचायत के सीमा विस्तार संबंधी उपरोक्त शासनादेश के अनुरूप पाया गया। अतः सक्षम स्तर का अनुमोदन प्राप्त करते हुए नगर पंचायत, आनन्दनगर, जनपद महराजगंज के सीमा विस्तार हेतु अनन्तिम अधिसूचना संख्या-1160/9-1-2019-22टी.ए/17, दिनांक 28 जून, 2019 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये।
इस अनन्तिम अधिसूचना के विरूद्ध शासन/जनपद स्तर पर प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण शासन के कार्यालय आदेश संख्या-2448/9-1-2019-22टी.ए/17, दिनांक 02 दिसम्बर, 2019 द्वारा कर दिया गया। तदोपरान्त अनन्तिम अधिसूचना को अन्तिम रूप दे दिया गया है।
जनपद महराजगंज की नगर पंचायत, आनन्दनगर के सीमा विस्तार किये जाने एवं तत्संबंधी अधिसूचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


जनपद सुल्तानपुर के ग्राम लम्भुआ को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद सुल्तानपुर के ग्राम लम्भुआ को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, सुलतानपुर द्वारा पत्र दिनांक 09.06.2017, 01.04.2017 एवं 18.09.2017 के माध्यम से नगर पंचायत, लम्भुआ के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, लम्भुआ के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 09 फरवरी, 2018 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण शासनादेश दिनांक 11.06.2018 द्वारा कर दिया गया। जिला सुल्तानपुर के ग्राम लम्भुआ को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


जनपद अलीगढ़ के ग्राम मडराक को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद अलीगढ़ के ग्राम मडराक को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, अलीगढ़ द्वारा पत्र दिनांक 20.06.2019 के माध्यम से नगर पंचायत, मडराक के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, मडराक के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 29 अगस्त, 2019 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण शासनादेश दिनांक 08.12.2019 द्वारा कर दिया गया। जिला अलीगढ़ के ग्राम पंचायत, मडराक को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद कुशीनगर के ग्राम तमकुहीराज को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद कुशीनगर के ग्राम तमकुहीराज को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, कुशीनगर द्वारा पत्र दिनांक 22.07.2017 एवं 22.11.2018 के माध्यम से नगर पंचायत, तमकुहीराज के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, तमकुहीराज के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 28.01.2019 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध शासन/जनपद स्तर पर कोई आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है। जिला कुशीनगर के ग्राम पंचायत, तमकुहीराज को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद आजमगढ़ की जहानागंज बाजार को नगर पंचायत जहानागंज बाजार बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद आजमगढ़ की जहानागंज बाजार को नगर पंचायत जहानागंज बाजार बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है।
जिलाधिकारी, आजमगढ़ द्वारा पत्र दिनांक 18.02.2019 द्वारा शासनादेश दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 में निर्धारित मानकों के अनुसार जनपद आजमगढ़ के जहानागंज बाजार को नगर पंचायत जहानागंज बाजार बनाये जाने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया, जो कि शासनादेश दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 में निर्धारित मानकों की पूर्ति कर रहा था। उक्त दृष्टिगत सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करते हुए जनपद आजमगढ़ के जहानागंज बाजार को नगर पंचायत जहानागंज बाजार बनाये जाने हेतु अनन्तिम अधिसूचना संख्या -4411/नौ-1-2019-12टी.ए./2019, दिनांक 14 अगस्त, 2019 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये।
उक्त अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 14 अगस्त, 2019 के विरूद्ध प्राप्त आपत्तियों और सुझाव का निस्तारण शासन के कार्यालय आदेश संख्या-2460/नौ-1-2019-12टी.ए./2019, दिनांक 28 नवम्बर, 2019  द्वारा कर दिया गया है। तदोपरान्त अनन्तिम अधिसूचना को अन्तिम रूप दे दिया गया।
जहानागंज बाजार को नगर पंचायत, जहानागंज बाजार बनाये जाने एवं तत्संबंधी अधिसूचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


जनपद जौनपुर के ग्राम गौरा बादशाहपुर को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद जौनपुर के ग्राम गौरा बादशाहपुर को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, जौनपुर द्वारा पत्र दिनांक 18.03.2015 के माध्यम से नगर पंचायत, गौरा बादशाहपुर के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, गौरा बादशाहपुर के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 24 मई, 2016 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण शासनादेश दिनांक 11 दिसम्बर, 2019 द्वारा कर दिया गया। जिला जौनपुर के ग्राम पंचायत, गौरा बादशाहपुर को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद कानपुर देहात के कस्बा राजपुर को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद कानपुर देहात के कस्बा राजपुर को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, कानपुर देहात के पत्र दिनांक 14.12.2017 एवं 24.02.2018 के माध्यम से नगर पंचायत, राजपुर के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, राजपुर के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 14 नवम्बर, 2018 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध शासन/जनपद स्तर पर कोई आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है। जिला कानपुर देहात के कस्बा राजपुर को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद महराजगंज के ग्राम पनियरा को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद, महराजगंज के ग्राम पनियरा को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। इस शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी महराजगंज के पत्र दिनांक 23.12.2017 के माध्यम से नगर पंचायत, पनियरा के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, पनियरा के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 07 दिसम्बर, 2018 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध शासन/जनपद स्तर पर कोई आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है। जिला महराजगंज के ग्राम पंचायत, पनियरा को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद महराजगंज के ग्राम परतावल को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने जनपद महराजगंज के ग्राम परतावल को नगर पंचायत बनाए जाने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत के गठन हेतु शासनादेश संख्या-2979/9-1-2016-426सा/2014 दिनांक 06 अक्टूबर, 2016 द्वारा मानकों का निर्धारण किया गया है। उक्त शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी, महराजगंज के पत्र दिनांक 23.12.2017 के माध्यम से नगर पंचायत, परतावल के सृजन का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
नगर पंचायत, परतावल के सृजन हेतु अनन्तिम अधिसूचना दिनांक 07 दिसम्बर, 2018 निर्गत करते हुए आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गये। इस अनन्तिम अधिूसचना के विरूद्ध शासन/जनपद स्तर पर कोई आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है। जिला महराजगंज के ग्राम पंचायत, परतावल को नगर पंचायत बनाये जाने संबंधी अधिूसचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन निवेदित है।


जनपद एटा में प्रस्तावित/स्वीकृत मेडिकल काॅलेज, एटा की स्थापना हेतु जिला चिकित्सालय के कतिपय निष्प्रयोज्य भवनों के ध्वस्तीकरण सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने केन्द्र सहायतित योजना म्ेजंइसपेीउमदज व िछमू डमकपबंस ब्वससमहमे ।जजंबीमक ूपजी म्गपेजपदह क्पेजतपबजध्त्ममिततंस भ्वेचपजंसे (फेज-2) के अन्तर्गत जनपद एटा में प्रस्तावित/स्वीकृत मेडिकल काॅलेज, एटा की स्थापना हेतु जिला चिकित्सालय, एटा स्थित कतिपय निष्प्रयोज्य भवनों का ध्वस्तीकरण की अनुमति प्रदान किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन भवनों के ध्वस्तीकरण के पश्चात भवनों के पुस्तांकित मूल्य में से मलबे के निस्तारण से प्राप्त धनराशि को समायोजित करते हुए अनुमानित कुल धनराशि 96 लाख 55 हजार रुपए को बट्टे खाते में डाले जाने की अनुमति भी प्रदान की गई है। प्रदेश की शहरी/ग्रामीण जनता को स्थानीय स्तर पर मूलभूत एवं गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जिला चिकित्सालय, एटा को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाए जाने हेतु कतिपय निष्प्रयोज्य व जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया है।
इन भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-1 व खण्ड-5, लोक निर्माण विभाग के अनुरक्षण मैनुअल पार्ट-2 (भवन) तथा अन्य सुसंगत प्राविधानों की शर्तों/प्रतिबन्धों के अधीन अनुमति प्रदान की गई है। इसके तहत विभाग द्वारा वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-1 व खण्ड-5, लोक निर्माण विभाग के अनुरक्षण मैनुअल पार्ट-2 (भवन) के साथ ही समय-समय पर इसके लिए निर्गत आदेशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। ध्वस्तीकरण से प्राप्त सामग्री (मलबा आदि) के निस्तारण के फलस्वरूप प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

जिला चिकित्सालय, हरदोई को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज बनाए जाने हेतु पुराने कतिपय निष्प्रयोज्य भवनों के ध्वस्तीकरण सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने केन्द्र सहायतित योजना म्ेजंइसपेीउमदज व िछमू डमकपबंस ब्वससमहमे ।जजंबीमक ूपजी म्गपेजपदह क्पेजतपबजध्त्ममिततंस भ्वेचपजंसे (फेज-2) के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय, हरदोई को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज बनाए जाने हेतु पुराने कतिपय निष्प्रयोज्य भवनों का ध्वस्तीकरण की अनुमति प्रदान किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन भवनों के ध्वस्तीकरण के पश्चात भवनों के पुस्तांकित मूल्य में से मलबे के निस्तारण से प्राप्त धनराशि को समायोजित करते हुए अनुमानित कुल धनराशि 01 करोड़ 64 लाख 93 हजार रुपए को बट्टे खाते में डाले जाने की अनुमति भी प्रदान की गई है। प्रदेश की शहरी/ग्रामीण जनता को स्थानीय स्तर पर मूलभूत एवं गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जिला चिकित्सालय, हरदोई को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाए जाने हेतु कतिपय निष्प्रयोज्य व जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया है।
इन भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-1 व खण्ड-5, लोक निर्माण विभाग के अनुरक्षण मैनुअल पार्ट-2 (भवन) तथा अन्य सुसंगत प्राविधानों की शर्तों/प्रतिबन्धों के अधीन अनुमति प्रदान की गई है। इसके तहत विभाग द्वारा वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-1 व खण्ड-5, लोक निर्माण विभाग के अनुरक्षण मैनुअल पार्ट-2 (भवन) के साथ ही समय-समय पर इसके लिए निर्गत आदेशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। ध्वस्तीकरण से प्राप्त सामग्री (मलबा आदि) के निस्तारण के फलस्वरूप प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।