जाने साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के बारे में


🔯 *कंकणाकृति सूर्यग्रहण :-*


दिनांक :- २६/१२/२०१९, गुरुवार को सूर्यग्रहण होगा ॥


♦ यह ग्रहण पूर्वीय अफ्रीका, युरोप, हिन्द महासागर और भारत में दिखाई देनेवाला हैं, इसलिए धार्मिक दृष्टि से सभी नियमों का पालन करना चाहिए ॥


ग्रहण का स्पर्श :- सुबह :- ०८:०४ मिनट ।
ग्रहण का मध्यकाल :- सुबह :- ०९:१९ मिनट ।
ग्रहण का मोक्षकाल :- सुबह :- १०:४८ मिनट ।
ग्रहण का भोग्यकाल (पर्वकाल) :- ०२ घंटे ४४ मिनट ।
ग्रहण की तेजस्वीता (ओरा) :- ०.९७ ।


🔯 *सूर्य ग्रहण* 🔯


दिनांक :- २६/१२/२०१९ गुरुवार को सूर्यग्रहण होगा तो,


ग्रहण का वेध (सूतक) दिनांक :- २५/१२/२०१९ को शाम :- ०६:०३ मिनट को लगेगा ।


ग्रहण का स्पर्श :- दिनांक :- २६/१२/२०१९ को सुबह :- ०८:०४ मिनट ।


ग्रहण का मध्यकाल :- दिनांक :- २६/१२/२०१९ को सुबह :- ०९:२२ मिनट ।


ग्रहण का मोक्षकाल :- दिनांक :- २६/१२/२०१९ को सुबह :- १०:५५ मिनट ।


♦ दिनांक :- २५/१२/२०१९ की शाम से ही ग्रहण का वेध (सूतक) लग जाता है इसलिए हर एक मंदिरों में संध्या आरती ०५:३० बजे होंगी ।


दिनांक :- २५/१२/२०१९ की शाम :- ०६:०० बजे से दिनांक :- २६/१२/२०१९ को सुबह :- ११:३० बजे तक सभी मंदिर बंद रहेंगे ।


♦ *ग्रहण में पालन करने हेतु कुछ शास्त्रोक्त नियम*


*०१•* ग्रहण के वेध (सूतक) के दौरान भोजन न करें, हो सकें तो पवित्रता का पूर्णतः पालन करें ।
*०२•* ग्रहण शुरु होने पर एवं समाप्त होने पर शुद्ध जल या तीर्थ जल (गंगा जल, यमुना जल, तापी जल, नर्मदा जल, गोदावरी जल, कावेरी जल, मानसरोवर जल, बिंदु सरोवर जल आदि) से स्नान करें ।
*०३* ग्रहण के दौरान अपनें इष्ट देव के मंत्र का जाप करें, तपश्चर्या करें, किसी नयें या पुराने स्तोत्रम् का पाठ करें, अखंड दिया जलाये, तर्पण करें और ग्रहण समाप्त होने पर दान करें ।
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🔯 ग्रहणकाल में सो जाने पर बुखार आता है, ग्रहणकाल के दौरान मूत्र त्याग करनें पर मूत्राषय का रोग होने की संभावना रहतीं है और घर एवं व्यापार में दरिद्रता भी आ सकतीं हैं, ग्रहणकाल के दौरान मल त्याग करनें पर पेट में कृमि का रोग होने की संभावना रहतीं है, ग्रहणकाल में शरीर के उपर इत्र या अन्य सुगंधयुक्त तैल (परफ्युम) लगाने से कुष्ठरोग (एक तरह का चमड़ी का रोग) होने की संभावना रहतीं है, ग्रहणकाल में भोजन करनें पर नर्क में असह्य यातनाए भुगतनी पड़ती है ।


ग्रहणकाल में अपनें इष्ट देव के नयें या पुराने मंत्र, स्तोत्र, कवचपाठ करनें से मंत्र सिद्धि प्राप्त होतीं हैं ।


वृध्ध, अशक्त, बिमार एवं गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण का वेध (सूतक) दिनांक :- २५/१२/२०१९ को रात्रि में १२:०० बजे से माना जायेंगा ।


🔯 *ग्रहण कर्क, तुला, कुंभ एवं मीन राशिवालों के लिए शुभफल प्रदाता हैं ।*


♦ *ग्रहण मेष, मिथुन, सिंह एवं वृश्चिक राशिवालों के लिए मिश्रित फल प्रदाता हैं ।*


🔯 *ग्रहण वृषभ, कन्या, धनु एवं मकर राशिवालों के लिए अशुभ फल प्रदाता हैं ।*


जिनके लिए ग्रहण अशुभ फल प्रदाता हैं वह एवं गर्भवती महिलाएं कृपया यह ग्रहण ना देखें ।


🔯 *ग्रहण की शुरुआत एवं मोक्ष का समय कुछ शहरों के समय अनुसार ।*


*सूरत* सुबह :- ०८:०५ से १०:५४
*अहमदाबाद* सुबह :- ०८:०६ से १०:५२
*बडौदा* सुबह :- ०८:०६ से १०:५४
*आणंद* सुबह :- ०८:०६ से ११:०५
*भरुच* सुबह :- ०८:०६ से १०:५४
*मुंबई* सुबह :- ०८:०४ से १०:५५
*पुणे* सुबह :- ०८:०५ से १०:५८
*इन्दौर* सुबह :- ०८:०९ से ११:००
*भूज* सुबह :- ०८:०४ से १०:४६
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