बाबा साहेब के कारण ही देश में खत्म हो रही है छुआछूत : रामनाईक


वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आंबेडकर के कारण ही देश में छुआछूत खत्म हो रही है। राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को भीमराव आंबेडकर की 128वीं जयंती के अवसर पर आंबेडकर महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बाबासाहब के चित्र और प्रतिमा पर पुष्पांजलि तथा अस्थि कलश के दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


राज्यपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में आंबेडकर को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि आंबेडकर महासभा के प्रांगण में आने पर नई चेतना मिलती है और कर्तव्यबोध का अहसास होता है। हमारा देश कहां है और आगे क्या करना है इसकी प्रेरणा यहां आने पर मिलती है। बाबासाहब ने विदेश में शिक्षा प्राप्त करके होनहार भारतीय कैसा हो, उसका परिचय पूरे विश्व को कराया। आज के दिन पूरा देश उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बाबासाहब के सही नाम लिखने की बात उन्होंने कही थी तथा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में आंबेडकर का चित्र लगाने की घोषणा की थी। इस बात का समाधान है कि गत वर्ष के शब्द साकार हुए, दोनों बाते पूरी हुई। नाईक ने आंबेडकर के वक्तव्य को उदृत्त करते हुए कहा कि बाबासाहब के शब्द मार्गदर्शक हैं। आंबेडकर ने स्वतंत्रता की रक्षा को एक विशिष्ट कर्तव्य बताते हुए कहा था कि 'स्वराज्य की रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। अपने समाज में किसी प्रकार की फूट पुन: हमसे स्वराज्य छीन लेगी। अत: हमें छोटी-छोटी बातों में उलझना नहीं चाहिए और यदि आपस में कोई मतभेद है तो उसे लेकर टकराना नहीं चाहिए, बल्कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में उसका हल खोज निकालना बेहतर होगा। राज्यपाल ने कहा कि आंबेडकर के विचारों का अध्ययन करना चाहिए ताकि उनके सपनों को साकार किया जा सके। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हम संविधान को समझें और उसके अनुसार चलने का प्रयास करें। बाबासाहब महापुरूष थे सभी ऐसा मानते हैं। उनके नाम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए। बाबासाहब को जाति विशेष की परिधि में नहीं बांधा जा सकता है, वे एक महापुरूष हैं जिनके विचारों को आमजन तक पहुंचाने की जरूरत है।