राष्ट्रीय स्व‌र्णकार मंच ने सोनार जाति की जनगणना एवं अति पिछड़ा वर्ग में रखने हेतु को पीएम को नामित ज्ञापन सांसद को दिया


सोनार जाति का उत्थान ओबीसी की  जनगणना द्वारा ही संभव है, तभी इस जाति को राजनैतिक व सामाजिक स्तर पर सम्मान मिल सकेगा - विनय वर्मा (गोरखपुर), संरक्षक

 - ओबीसी की जनगणना में सोनार जाति में कितने लोग आज भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है इसका भी पता चल जाएगा - अजय कुमार वर्मा "स्वर्णकार"

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/मोहन  वर्मा

लखनऊ/ नई दिल्ली 7 अगस्त। विगत दिवस राष्ट्रीय स्व‌र्णकार मंच ने उत्तर प्रदेश में स्वर्णकार/सोनार जाति (ओबीसी) की जनगणना करवाने एवं सोनार जाति को अति पिछड़ा वर्ग में रखने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामित ज्ञापन राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी व लोकसभा सांसद सुनील सोनी को दिया।

      ज्ञापन देने में राष्ट्रीय स्व‌र्णकार मंच के संरक्षक विनय वर्मा (गोरखपुर) के नेतृत्व में संरक्षकगण श्याम सुंदर वर्मा (चेयरमैन नगर पालिका परिषद संत कबीर नगर), आकाश वर्मा (चेयरमैन दातागंज बदायूं), नीरज वर्मा (देवरिया), राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवो0 संजय वर्मा, राष्ट्रीय महासचिव अजय कुमार वर्मा "स्वर्णकार", इंजी0 संचित वर्मा थे। 

    ज्ञात हो कि संगठन द्वारा वर्ष 2018 में यह ज्ञापन उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग मंत्री ओमप्रकाश राजभर एवं उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग को भी दिया जा चुका था।

      भारत में पहली बार 1931 में जातिगत आधार पर जनगणना (Caste Based Census) की गई थी। देश के विभाजन के बाद 2011 में आर्थिक आधार पर जनगणना सरकार द्वारा करवाई गयी थी। पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी देश में जातिगत जनगणना होने की मांग रख चुके है। फरवरी 2019 में विधानमंडल और 2020 में बिहार विधान सभा में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पास होने के बाद दो बार इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा भी गया था। लेकिन दो बार प्रस्ताव पर केंद्र सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से इस मुद्दे को उठाकर, बिहार में नई राजनीतिक बहस छेड़ दी। लेकिन इस रिपोर्ट में कमियां बता कर जारी नहीं की गई, बताया गया कि जो रिपोर्ट तैयार की गयी थी, उसमें करीब 34 करोड़ लोगों की जानकारी गलत थी। अब पुनः जातिगत आधार पर जनगणना की मांग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कर रहे हैं। वहीं आरजेडी के अनुसार जातिगत जनगणना से यह पता चलेगा कि कौन जाति अभी भी पिछड़ेपन की शिकार है, ताकि उनकी संख्या के अनुरूप उन्हें आरक्षण का लाभ देकर स्थिति को मजबूत की जा सके। लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तभी से वह भी जाति आधार पर जनगणना कराने की मांग कर रहे थे। 

    राष्ट्रीय स्व‌र्णकार मंच के राष्ट्रीय महासचिव अजय कुमार वर्मा "स्वर्णकार" ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि इससे सोनार जाति की आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा की वास्तविक जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा सोनार जाति में कितने लोग आज भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है इसका भी पता चल जाएगा।
                                                                                                        दूसरी तरफ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने भी केंद्र सरकार से मांग की है कि 2021 के जनगणना में ओबीसी की आबादी के आंकड़े भी जुटाए जाएं। जानकारी के मुताबिक इसके लिए उसने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से गुजारिश की है। इस संबंध में गुरुवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव आनंद कुमार ने सामाजिक न्याय मंत्रालय के सचिव को एक प्रस्ताव भेजा है। गौरतलब कि ओबीसी में अबतक दरकिनार रहीं जातियों को भी आरक्षण का पूरा लाभ दिलाने के लिए गठित जस्टिस जी रोहिणी को भी इसकी वजह से परेशानियों का सामना करने की बातें सामने आ चुकी हैं।