निजी सचिव विशंभर दयाल के सुसाइड नोट ने रास्ता दिखाया, लेकिन विस्वास योग्य नहीं


 - इतनी मामूली सी बात पर निजी सचिव विशंभर दयाल का ख़ुदकुशी कर लेना आम आदमी के गले नहीं उतर रहा है कि इतना हाई प्रोफाइल व्यक्ति की भाजपा राज में एफ आई आर नहीं लिखी जा रही और वह सुसाइड कर लेगा। 

वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 30 अगस्त। सीनियर IAS रजनीश दुबे के निजी सचिव के खुद को गोली मारने के मामले में पुलिस को तलाशी के दौरान सुसाइड नोट मिला था। नोट में उन्नाव के औरास थाने में विशंभर दयाल की बहन का ससुराल वालों से चल रहे विवाद और दर्ज मुकदमे के कारण तनाव का जिक्र किया गया है। विशंभर दयाल के लगाए गए आरोपों की जांच आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को सौंपी गई थी। जांच में औरास थाना के एसओ और दारोगा को दोषी पाया गया है। 


इंस्पेक्टर और दारोगा निलंबित-

सुसाइड नोट में बहन के ससुराल वालों से प्रताड़ित किए जाने के साथ ही उन्नाव पुलिस पर भी प्रताड़ना का जिक्र है। उन्नाव एसपी ने वर्तमान एसओ हर प्रसाद अहिरवार और दारोगा तमिज़ुद्दीन को दोषी पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया है। तकरीबन 8 घंटे तक एसपी अविनाश पांडे ने थाने में रुककर पूरे मामले की जांच की है। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है। 


ऑपरेशन के बाद हालत नाजुक-

वहीं, लोहिया अस्पताल के सीएमएस डॉ. भटनागर ने बताया कि विशंभर दयाल के सिर में गोली रह गई थी। इसके बाद उनको आईसीयू में भर्ती किया गया है। लोहिया से रेफर करने का कोई प्लान नहीं है। अभी उनकी हालत गंभीर है। न्यूरो सर्जन के डॉक्टरों की देखरेख में सिर का ऑपेरशन हो गया है। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। 


ये था मामला-

लखनऊ में बीते सोमवार को सनसनीखेज घटना सामने आई। नगर विकास के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव विश्वंभर दयाल ने दोपहर 1 बजे के करीब खुद को गोली मार ली। बापू भवन के आठवें फ्लोर के रूम नम्बर 824 में यह घटना हुई। दफ्तर के बगल में मौजूद कर्मचारी गोली की आवाज सुनकर वहां पहुंचे। इसके बाद उनको सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया।