वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 27 जुलाई। हिंदुस्तान का हर व्यक्ति चाहता था कि राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि पर होना चाहिए। यह हो रहा है। यह शुभ संकेत है।
- कोरोना काल में मंदिर के भूमि पूजन आयोजन में सैकड़ों लोगों को आमंत्रित करना लोगों के जीवन को संकट में डालना है - लोकदल
5 अगस्त को प्रधानमंत्री के अयोध्या भूमि पूजन आगमन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि ष्भक्ति और ष्भक्तों के बीच देश बेहाल नज़र आ रहा है। अपनी भक्ति साबित करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है। सवाल उठाया जा रहा है कि देश के असली भक्त कौन हैं ? कौन अपने देश से सबसे ज्यादा प्यार करता है? आज तक मुझे यह एहसास नहीं हुआ कि मैं देश भक्त हूं या नहीं, शायद इसलिए नहीं हुआ क्योंकि मैं इसी देश में पैदा हुआ हूं, इस देश से प्यार करता हूं तो स्वाभाविक रूप से देश के प्रति मेरी भक्ति है। लेकिन जिस तरह से इसके लिए जंग छिड़ी हुई है, उसे देखकर अब ऐसा एहसास होने लगा है कि सबको देश के प्रति अपनी भक्ति साबित करना जरूरी हो गया है।
अपनी देश भक्ति साबित करने में लगे हुए हैं या फिर हाथ में झंडा लेकर गली.गली में श्श्भारत माता की जयश्श् का नारा लगाना चाहिए। देश भक्ति के नाम पर देश में जो हंगामा हो रहा है, उसे देखकर ऐसा लगने लगा है कि क्या सच में जो लोग हंगामा कर रहे हैं, वह अपने देश से प्यार करते हैं या प्यार की नौटंकी।