वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 31 जुलाई। निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश, डॉ० रोशन जैकब ने स्वस्थाने चट्टान किस्म के इमारती पत्थरों के खनन क्षेत्रों में खनन कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में डॉ० रोशन जैकब ने सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज ,चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी, ललिलपुर एवं आगरा के जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित करते हुए कहा है उ०प्र०खनिज परिहार नियमावली में खनन योजना तैयार किये जाने एवं अनुमोदन उपरांत ही खनन कार्य प्रारंभ किए जाने का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में उपलब्ध स्वस्थाने चट्टान किस्म के इमारती पत्थर के खनन क्षेत्रों में खनिजों के खनन व निकासी में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान न दिए जाने के कारण खनन क्षेत्रों में दुर्घटना की संभावनाएं बनी रहती हैं ।खनन क्षेत्रों में संभावित दुर्घटनाओं को समाप्त किए जाने तथा श्रमिकों की सुरक्षा हेतु नियमावली के संगत नियमों, समय-समय पर निर्गत शासनादेशो एवं खनन पट्टा विलेख में दी गयी शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
डॉ ०रोशन जैकब ने जारी दिशा-निर्देशों में कहा है कि खनन पट्टा धारक अपने स्वीकृत क्षेत्र में सीमा स्तंभ एवं साइन बोर्ड, जिसमें पट्टे से संबंधित अंकित विवरण पठनीय ,तथ्यपरक, सुस्पष्ट होने चाहिए का सतत् अनुरक्षण करता रहेगा ।पर्यावरण स्वच्छता के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों एवं माननीय न्यायालय के आदेशों का अनुपालन पट्टाधारकों द्वारा जरूर किया जाएगा। पट्टाधारक सार्वजनिक निर्माण को क्षति नहीं पहुंचाएंगे तथा निकासी मार्ग को समय-समय पर मरम्मत उपरांत सुदृढ़ रखना होगा। ग्रामीण एवं अन्य जीव-जंतुओं के सुरक्षा के दृष्टिगत पट्टाधारक खनन क्षेत्र की फेंसिंग की जाएगी । पट्टाधारक नियमानुसार माइंस मैनेजर ,ब्लास्टिग हेतु तकनीकी ब्लास्टरआदि की नियुक्ति करके विभाग को सूचित करेगा तथा माइन्स एक्ट एवं मैटेलिफेरस माइन्स रेगुलेशन के अनुसार नियुक्त माइन्स मैनेजर , ब्लास्टर आदि के पर्यवेक्षण मे कार्य करेगा तथा खनन पट्टा के अंतर्गत संयुक्त बॉर्डर की चट्टान की 01 मीटर तक की ऊंचाई रखेगा, जिसकी जिम्मेदारी संयुक्त पट्टाधारक की होगी। खनन क्षेत्र में ब्लास्टिंग हेतु समय सीमा निर्धारित किए जाने के निर्देश भी डॉ० रोशन जैकब ने निर्देश दिए हैं।
डा०जैकब ने जारी दिशा निर्देशों मे कहा है कि खनन पट्टाधारक द्वारा इस प्रकार ब्लास्टिंग की जाए, कि ब्लास्टिंग के दौरान निकले पत्थर से आसपास के आबादी क्षेत्र या अन्य किसी सार्वजनिक स्थल को क्षति न पहुंचे। पट्टाधारक द्वारा प्रत्येक ब्लास्टिंग के बाद फेस ड्रेसिंग करना होगा ताकि लूज पत्थर आदि से श्रमिक सुरक्षित रहें। पट्टा धारक मानक के अनुसार बेंच ,मार्ग आदि बनाकर कार्य करेगा तथा खान सुरक्षा महानिदेशालय के निर्देशों का पालन करना होगा। पट्टा धारक का उत्तर दायित्व होगा कि खनन मे कार्यरत श्रमिकों का लेबर एक्ट के तहत नियमानुसार पंजीकरण, कार्मिकों/ श्रमिकों का बीमा एवं अन्य विधिक कार्यवाही करेगा। खनन पट्टा धारकों को श्रमिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत समुचित सुरक्षा उपकरण यथा- हेलमेट ,जूता चश्मा ,मास्क आदि उपलब्ध कराए जाएंगे तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय/ उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत शासनादेशों का अनुपालन करने हेतु पट्टा धारक बाध्य होंगे।
डॉ० रोशन जैकब ने संबंधित जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि इमारती पत्थर के खनन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों के दृष्टिगत दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित कराया जाए।
खनन पट्टा धारक अपने स्वीकृत क्षेत्र में नियमानुसार सीमा स्तंभ एवं साइन बोर्ड ज़रूर लगाए - डॉ० रोशन जैकब