वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 29 जून। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दामों में लगातार की जा रही बेतहाशा वृद्धि के विरोध में आज शहर कांग्रेस कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष मुकेश सिंह चैहान के नेतृत्व एवं कंाग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा ‘मोना’ की उपस्थिति में इस्लामियां कालेज के सामने से होते हुए लोकभवन तक शहर कंाग्रेस कमेटी लखनऊ के सैंकड़ों पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पुलिस प्रशासन से झड़प भी हुई।
शहर कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश सिंह चैहान ने बताया कि काफी देर तक विरोध प्रदर्शन के उपरान्त पुलिस द्वारा वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को लोकभवन के पास गिरफ्तार कर बसों में भरकर इको गार्डेन ले जाया गया जहां से सायं रिहा किया गया। इस मौके पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा‘मोना’ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि इस देश में आजादी के बाद पेट्रोल का दाम डीजल से अधिक हो गया है। आज आम आदमी पर भारी मंहगाई का बोझ है। डीजल के दामों में भारी वृद्धि से जहां मंहगाई बढ़ी है वहीं किसानों को सबसे अधिक आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि डीजल के दाम में भारी वृद्धि से किसानों को सर्वाधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता इस भीषण वृद्धि से कराह रही है। कांग्रेस पार्टी लगातार केन्द्र सरकार को मूल्य वृद्धि को वापस लिये जाने के लिए सड़कों पर उतरकर आन्दोलन कर रही है किन्तु जनविरोधी मोदी सरकार आम जनता के हितों पर कुठाराघात करने पर उतारू है।
इस मौके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश सिंह चैहान ने केन्द्र की मोदी सरकार से अविलम्ब पेट्रोल एवं डीजल के मूल्यों में की गयी वृद्धि को वापस लेने की मांग की गयी। उन्होने कहा कि आज विश्व में कच्चे तेल के दाम न्यूनतम स्तर पर है फिर भी डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाया जाना जनविरेाधी कदम है। आजादी से आज तक कभी भी इनके दामों में इतनी वृद्धि नहीं हुई है। डीजल पेट्रोल के दामों में हुई वृद्धि से आम जनता कराह उठी है। ऐसे में भाजपा की केन्द्र सरकार बढ़े हुए दामों को अविलम्ब वापस ले।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, प्रदेश कांग्रेस के सचिव एवं लखनऊ प्रभारी रमेश शुक्ला, ममता चैधरी, अमरनाथ अग्रवाल, अशोक सिंह, सम्पूर्णानन्द मिश्रा, श्रीमती सुशीला शर्मा, राजेश सिंह काली, डा0 शहजाद आलम, अरशी रजा, नरेश बाल्मीकि, विजय सक्सेना, श्रीमती रफत फातिमा, सुनील दुबे, आर.सी. उप्रेती, रमेश मिश्रा, वेद प्रकाश त्रिपाठी, डा0 मंजू दीक्षित, प्रदीप सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, विशाल राजपूत, ब्रजेश सिंह, दिनेश दीक्षित सहित तमाम कांग्रेसजन शामिल रहे।
एक घटना याद आती है साल था 1973 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के सबसे बेहतरीन वक्ता के रूप में जाने जाते थे। नेहरु के दौर से ही उनकी ये छवि बनी थी। लेकिन ये दौर था उस समय की आयरन लेडी इंदिरा गाँधी का। उस समय पेट्रोल, डीज़ल के दाम आसमान छू रहे थे। आम जनता बहुत परेशान थी। अटल जी ने इसका विरोध बड़े ही नाटकीय ढंग से किया। वो पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन स्वरूप बैलगाड़ी से संसद तक पहुंचे और अपना विरोध जताया।
तेल संकट के दौरान तेल बेचने वाले मध्य-पूर्व देशों ने भारत को कच्चा तेल भेजना कम कर दिया था, इस वजह से इंदिरा गांधी की सरकार ने तेल की कीमतों में 80 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी कर दी थी। इस वजह से वह अटल समेत दूसरे नेताओं के निशाने पर आ गई थीं। बता दें, अटल बिहारी वाजपेयी बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं।