वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 27 मई। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा है कि अन्य प्रदेशों से अपनी मातृभूमि की ओर आने वाले श्रमिको एवं उनके परिवारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को देखकर हैरान है,सरकार किसान,मजदूर,के प्रति उदासीन है,उन्होंने सरकार से गुजरात महाराष्ट्र पंजाब हरियाणा आदि राज्यों में फसें प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक भोजन पानी की व्यवस्था के साथ भेजने की मांग की है।
श्री दुबे ने कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर एक बच्चे की अपनी माँ को जगाने वाली एवं रेलों में श्रमिकों को भोजन न मिलने के कारण जान निकल जाने की विचलित करने वाली तस्वीरे देखकर क्या सरकार सबक लेगी कि अब कोई और ट्रेन में भूख प्यास से न मरे।
श्री दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपए का कोरोना महामारी में विशेष पैकेज देना की घोषणा की थी,परंतु विश्लेषण के बाद वो तो लोन मेला निकला, पैकेज में कोरोना महामारी से हुए भारी नुकसान की भरपाई किसी वर्ग की नही हो पाई,किसान को भयंकर बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की कोई भरपाई की योजना नही है ,सरकार एक तरफ फैक्टरी चलाने की बात कर रही है,दूसरी ओर श्रमिको की कोई व्यवस्था नही की जा रही है।
श्री दुबे ने कहा कि पहले सरकार की दूरदर्शिता में कमी जैसे कोरोना संकट से निपटने में देरी,लोगो के पलायन के दौरान इतनी अधिक दुर्दशा देश में सभी साधन होने के बावजूद,उसके बाद कहीं लॉक डाउन कहीं नहीं, क्वारेंटाइन केंद्रों में दुर्दशा, इसके बाद भुखमरी। आगे का सरकार का क्या प्लान है देश को बताना चाहिए,ओर देश के प्रवासी मजदूरों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने एवं भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था करे।
प्रवासी श्रमिको एवं उनके परिवारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को देखकर हैरानी - अनिल दुबे