वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 25 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए बेहतर तथा प्रभावी प्रयास किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मियों को प्रत्येक दशा में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने मेडिकल इंफेक्शन की रोकथाम के लिए डेडिकेटेड टीम गठित करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए राज्य मुख्यालय तथा जनपदों में टीम बनायी जाए। यह टीम सरकारी और निजी सभी अस्पतालों में मेडिकल इंफेक्शन पर फोकस करते हुए इसे रोकने के लिए कार्य करंे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्राथमिकता पर ऐसी टीमों का गठन करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों की श्रृंखला तैयार करने, चिकित्सालयों में आॅक्सीजन की नियमित व सुचारू आपूर्ति बनाये रखने तथा ट्रेनिंग को और गति देने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि मेडिकल शिक्षा के विद्यार्थियों तथा आयुष आदि चिकित्सकों की भी मेडिकल ट्रेनिंग करायी जाए। उन्होंने एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक जनपद में एक अतिरिक्त सी0एच0सी0 को एल-1 अस्पताल के तौर पर तैयार किया जाए। इस कार्य को समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित कराने के लिए एक अधिकारी को नामित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि लाॅकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाए। अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई निरन्तर जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि रमजान के दृष्टिगत पूरी सावधानी व सतर्कता बरती जाए। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए। उन्होंने संक्रमण की दृष्टि से जनपद संतकबीरनगर की बढ़ी हुई संवेदनशीलता के मद्देनजर, मण्डलायुक्त बस्ती, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती तथा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्लाई चैन से जुड़े लोगों की टेस्टिंग करायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग अपनायी जाए। शेल्टर होम में क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले श्रमिकों को राशन की किट व एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित की है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे कार्य योजना बनाकर सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तालाब व चेक डैम आदि से सम्बन्धित कार्य शुरू कराये जाए। इन कार्याें में प्रवासी मजदूरों को भी लगाया जाए।
मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों तथा मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाए जाने के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श किया। उन्होेंने बड़ी संख्या में शेल्टर होम को तैयार किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनमें पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाए, भोजन एवं शौचालय की सुचारू व्यवस्था की जाए। उन्होंने कम्युनिटी किचन को और प्रभावी बनाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि किसी भी उद्योग के संचालन से यदि संक्रमण फैलने की जरा भी सम्भावना हो तो उसे संचालन की अनुमति न दी जाए। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, क्यांेकि इनके माध्यम से इंफेक्शन बढ़ने की सम्भावना नहीं है। इस सेक्टर के उद्योगों के कच्चे माल की आपूर्ति के लिए सप्लाई चैन बनायी जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 को पी0पी0ई0 किट्स की आपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कृषि विभाग द्वारा इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए कि प्रदेश में कृषि उपकरणों की कमी नहीं है। किसान समय से फसल कटवाते हुए अपनी उपज को क्रय केन्द्र पर ले जाएं। प्रदेश में पर्याप्त संख्या मंे क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मण्डियांे तथा क्रय केन्द्रों पर भीड़ एकत्र न हो तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रभावी ढंग से लागू रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मण्डी तथा क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 50 लाख कुन्तल से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0 एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए बेहतर तथा प्रभावी प्रयास किये जाए - योगी आदित्यनाथ