वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 14 जनवरी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली पुलिस व्यवस्था में सुधार हेतु नहीं अपितु आईपीएस व्यवस्था में सुधार हेतु अपनाई गई प्रणाली है। इस व्यवस्था के तहत सारे पदों पर सीधी भर्ती के आईपीएस अधिकारियों की ही पोस्टिंग होगी। इसका नमूना प्रथम पोस्टिंग में ही देखने को मिल जाएगा। कोई भी पीपीएस अधिकारी जब तक की उसके लिए अलग से पोस्टिंग का पद प्रतिशत निर्धारित नहीं होगा, तब तक वह पोस्ट नहीं होगा। यहां तक कि पीपीएससी प्रमोट हुए आईपीएस अधिकारी भी मुश्किल से पोस्टिंग पा सकेंगे। एडिशनल एसपी के पदों पर ए0एस0पी0 जो अंडर ट्रेनिंग आईपीएस होंगे नियुक्त किए जाएंगे, जिले में सीओ के ऊपर और उच्च अधिकारी पद आसीन हो गए इसके अतिरिक्त कुछ नहीं। कुल 137 एक्स कैडर पदों के अतिरिक्त 29 पद आईपीएस के सृजित हो गए। इस तरह से एक्स कैडर के कुल 166 पद हो गए, किंतु पुलिस मुखिया लगातार एक्स कैडर के पदों को इन कैडर करते हुए एक तिहाई पदों को पीपीएस अधिकारियों को देने की मांग लगातार नजरअंदाज करते जा रहे हैं। पीपीएस को एक पदोन्नति के बाद सेवानिवृत्त करने को मजबूर कर रहे हैं। अराजपत्रित अधिकारियों के कल्याण की कोई बात नहीं की जा रही है। उनकी सेवा शर्तों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमें शीघ्र ही जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाकर गंभीरता से विचार कर मजबूती के साथ अपनी बात को उच्चाधिकारियों तथा मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की आवश्यकता है।
पीपीएस सरकार द्वारा नज़रअंदाज़ी का लगातार शिकार