वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। 23वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन आज राष्ट्रीय सेवा योजना, क्षेत्रीय निदेशालय, लखनऊ द्वारा इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सुविचार एवं युवा उत्सव के कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद जी के जीवन आदर्शो से प्रेरणा लेकर नए भारत के नव निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि भारत एक महान संस्कृतियों वाला प्राचीन राष्ट्र है, जिसकी विविधता ही उसकी असली पहचान है। इस देश में अनेक भाषा, अनेक संप्रदाय और अनेक रीति-रिवाजों के बावजूद हम एक राष्ट्र, श्रेष्ठ राष्ट्र का उद्घोष करने वाले युवा राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि 65 करोड युवाओं के साथ भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है। भारतवर्ष को अपने युवाओं पर गर्व है और यही युवा, भारत राष्ट्र को अपनी सृजनात्मक शक्ति से पल्लवित पुष्पित कर रहे हैं। उन्होंने लखनऊ की विशेषता का बखान करते हुए कहा कि लखनऊ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अनुज श्री लक्ष्मण द्वारा स्थापित नगरी है और यहां के लोग लक्ष्मण की तरह ही अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने राष्ट्र के विकास में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने समाज में अपने सेवा कार्य से अपनी पहचान बनाई है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री अशोक कटियार ने युवा उत्सव में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि 21वीं सदी का युवा आज कई दृष्टि से खास है और इन्हीं युवाओं के बल पर हम एक बेहतर राष्ट्र बनाने में सफल हो पाएंगे। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में किए गए सेवा कार्यों को याद करते हुए कहा कि युवावस्था में किए गए रचनात्मक कार्य हमें जीवन भर गति प्रदान करते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को समर्पण भाव से सामाजिक सेवा में लगने का आवाह्न किया।
कार्यक्रम सत्र की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने युवाओं से स्वामी विवेकानंद जी के जीवनी को पढ़ने और उस पर गहन विचार करने का आह्वान किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन घटनाक्रम की चर्चा करते हुए सकारात्मक को अपनाने हेतु स्वामी जी के जीवन से सीख लेने की बात की।
राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक कुमार श्रोती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सुविचार एवं युवा समागम के विषय स्थापना और अवधारणा की प्रस्तुति की। उन्होंने बताया कि युवा उत्सव में देश भर के लगभग 1000 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। युवा कल्याण एवं खेल विभाग की प्रमुख सचिव सुश्री डिम्पल वर्मा ने एन.एस.एस. स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन किया। जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में युवाओं की भूमिका पर कहा कि जल का एक एक बूंद महत्वपूर्ण है और हमें उसके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास करना है। उन्होंने जल संरक्षण अभियान के आरंभ की चर्चा करते हुए युवाओं को सच्चे मन से इस कार्य से जुड़ने की अपील की।
पद्मश्री भारत की प्रथम महिला दिव्यांग पर्वतारोही डा0 अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि एक दुर्घटना के कारण जव वे पांव गंवाकर जीवन के गहन अंधकार में भटक जाने की दिशा में थी तब उन्होंने अपने सकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक सोच के बल पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर विजय प्राप्त की। प्रमुख सचिव सुश्री डिंपल वर्मा ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर डा0 अरुणिमा सिन्हा को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के युवा आइकॉन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने वक्ताओं से प्रश्नोत्तरी कर अपने विचारों की अभिव्यक्ति की।
उत्तर प्रदेश राज्य के विशेष कार्याधिकारी डा0 अंशुमालि शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन राहुल सिंह परिहार ने किया। कार्यक्रम में भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के उप सचिव, जितेन्द्र चड्डा, सौरभ साह, श्रीमती जी0एस0 चित्रा, अवर सचिव रवि सिन्हा और गोपाल सिंह के साथ साथ युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक एस0पी0 भटनागर, के0 वी0 खादरी और कार्तिकेयन, विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम समन्वयक डा0 बाला लखेन्द्र, डा0 मंजू सिंह, डा0 सोमपाल वर्मा, डा0 द्विवेदी, कर्यक्रम अधिकारी डा0 संतोष कुमार पाण्डेय, डा0 मनीष तिवारी, डा0 अशोक वर्मा, डा0 शशिकला शुक्ला, डा0 सपन सिन्हा, डा0 शशिकला मिश्रा, डा0 अर्चना राजपूत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।- सतीश चन्द्र भारती/निधि वर्मा
भारत महान संस्कृतियों वाला प्राचीन राष्ट्र है, विविधता ही उसकी असली पहचान - डॉ दिनेश शर्मा