विभिन्न जिलों के सीएफसी स्थापना के प्रस्तावों को मिली सैद्धांतिक सहमति - डा0 नवनीत सहगल


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा   
लखनऊ 20 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत स्थापित होने वाले एवं क्रियाशील हो चुके सभी सामान्य सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) का स्थलीय निरीक्षण किया जायेगा। सीएफसी स्थापना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को एक छत के नीचे व्यापार से जुड़ी समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही उन्होंने गाजीपुर, आजमगढ़, बाराबंकी सहित विभिन्न जिलों के सीएफसी स्थापना के प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए कहा कि इनकी शीघ्र स्थापना की कार्यवाही की जायेगी।
      डा0 सहगल आज निर्यात प्रोत्साहन भवन में क्लस्टर विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत/प्रस्तावित 13 सामान्य सुविधा केन्द्रों के निर्माण और क्रियाशील हो चुके सात सीएफसी के सबंध में बैठक कर रहे थे। इस बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने बारांबंकी, चंदौली, मेरठ, बदायूं, फिरोजाबाद, सम्भल, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, गाजीपुर, जौनपुर तथा आजमगढ़ जनपदों के सीएफसी प्रस्तावों की गहन समीक्षा की। साथ ही बैठक में उपस्थिति सीएफसी स्थापित करने वाले उद्यमियों एवं कारीगरों से एक-एक करके संवाद भी स्थापित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीएफसी हेतु एसपीवी में शामिल सदस्यों से दूरभाष पर वार्ता कर उनके व्यवसाय आदि के वास्तविकता की जानकारी भी हांसिल की। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी एसपीवी के सदस्यों के संबंध में गलत जानकारी प्राप्त होती है, तो जीएमडीआईसी एवं संबंधित उद्यमी के विरूद्ध कडी कार्रवाई की जायेगी।  
      प्रमुख सचिव ने सीएफसी प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए कहा कि ओडीओपी राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है। इसके माध्यम से पारंपरिक हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। गाजीपुर में सीएफसी के निर्माण से जहां मूंज के सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, वहीं बाराबंकी में चिकनकारी क्लस्टर के निर्माण से कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में सनई (रस्सी) के क्लस्टर निर्माण से इस उद्योग का तीव्र गति से विकास होगा। साथ ही कारीगरों के छोटे व्यवसाय को बडे़ बाजार के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि इनके अलावा प्राप्त प्रस्तावों को मूर्त रूप देने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) से जुड़े उद्यमियों और हस्तशिपियों को सभी आवश्यक सुविधाएं समय से मुहैया कराना सुनिश्चित करें ताकि, सीएफसी के मकसद को सार्थक किया जा सके। - अमित यादव