वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। डीजीपी द्वारा बाराबंकी एसपी के निलंबन के सिफारिश पर शोसल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर डीजीपी द्वारा यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है।
ज्ञात हो कि ट्रेडिंग कंपनी से 65 लाख की अवैध वसूली के मामले में लापरवाही उजागर होने पर डीजीपी ने चुनाव आयोग को बाराबंकी एसपीके सस्पेंशन हेतु प्रस्ताव भेजा है। इस अवस्था में यह सवाल उठना वाजिब है कि सिर्फ एसपी बाराबंकी पर ही कार्रवाई क्यों की जा रही है ? जबकि
लखनऊ और रायबरेली पुलिस भी डकैती डाल चुकी है। लखनऊ के हजरतगंज थाने के मालखाने से 10 लाख का गबन हुआ था। एस एसपी कलानिधि के कार्यकाल में ही पुलिस द्वारा बेकसूर की हत्या हो चुकी है,
पारा में लूट कर चुकी है तो कलानिधि पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? कृष्णानगर में लूट और हत्या हुई तो कलानिधि पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
प्रतापगढ़ जैसे छोटे शहर में प्रतिदिन हत्याएं हो रही हैं अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे कानून व्यवस्था संभालने में एसपी प्रतापगढ़ नाकाम चल रहे हैं।
महत्वपूर्ण यह भी है कि यादव कप्तान पर हुई कार्रवाई तो मैदान में अखिलेश और माया भी आ सकते हैं और कलानिधि और ओपी सिंह को हटाने की मांग भी कर सकते हैं।
बाराबंकी कप्तान के सस्पेंड होने के बाद एक RAC कंफर्म होना तय है, अब बड़ा सवाल यह है कि किसकी RAC कंफर्म होगी।